हिसार, हरियाणा
राज्य के हिसार ज़िले में जून 2017 में गांव भाटला में एक हैंडपंप से पानी भरने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब काफी बढ़ गया है। एक तरफ दलितों ने अब बौद्ध धर्म अपनाने का एलान किया वहीं बीजेपी को कभी वोट न देने की शपथ ली। भाटला गांव में सोमवार को गुरू रविदास मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन कर करीब 150 दलितों ने अपना धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया। इसमें रोहनात से आए दलित समुदाय के 22 लोग भी शामिल हुए।
धर्म अपनाने से पहले बौद्ध भिक्षुओं ने अनुसूचित वर्ग के लोगों को धर्म दीक्षा दी। उत्तराखंड व सहारनपुर से आए बौद्ध भंतों धर्म सागर, भंते आनंद सागर व भंते निर्भय सागर ने धर्म दीक्षा की प्रक्रिया संपन्न करवाई। इस दौरान उन्होंने भविष्य में कभी बीजेपी को वोट न देने की शपथ भी ली।
धर्म परिवर्त्तन के कार्यक्रम को लेकर रविवार रात से ही तैयारियां शुरू कर ली गई थी। सुबह 10:30 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। दिनेश खापड़ ने समारोह की अध्यक्षता की व श्रवण थुराना ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। वक्ताओं ने अपने संबोधन में इस धर्म पविरर्तन के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने ऐसे अधिकारियों की भर्ती की है, जो दलितों का उत्पीडऩ कर रहे है।
धर्म परिवर्तन को लेकर प्रक्रिया भी चलती रही। दोपहर एक बज कर 35 मिनट पर अधिवक्ता रजत कल्सन कार्यक्रम में पहुंचे। उन्हें भविष्य में कभी बीजेपी को वोट न करने की शपथ दिलवा कर व बौद्ध धर्म प्रक्रिया पूरी करवा कर दो बजे तक कार्यक्रम का समापन कर दिया गया। अधिवक्ता रजत कल्सन ने बताया कि पुलिस प्रशासन से मांग करने के बावजूद उन्हें सिक्योरिटी नहीं दी गई। इंतजार के बाद गांव का माहौल देखने के बाद वह कार्यक्रम में पहुंचे।
धर्म सागर, भंते आनंद सागर व भंते निर्भय सागर ने कहा रोहनात गांव के लोगों की जमीन 1857 के गदर के बाद अंग्रेजों ने दूसरे गांवों के लोगों को नीलाम कर दी थी। जिसे वापस पाने के लिए करीबन 150 दलित परिवार पिछले 50 साल से सरकार के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं। शहीदों के वंशज होने के बावजूद भी उन्हें आज तक अपनी जमीन वापस ना मिली है।