आज़मगढ़, यूपी
योगी सरकार में दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं आम हो गई हैं। ताज़ा मामला आज़मगढ़ ज़िले का है जहां देवताओं के पोस्टर फाड़े जाने को लेकर बवाल की खबर है। दलितों पर पोस्टर फांडे जाने का इल्ज़ाम लगाकर उनकी पिटाई की गई है। स्थानीय पुलिस पर भी आरोप लगा है कि उसने भी दबंगों के साथ मिलकर दलितों की पिटाई की है।
यूपी के आज़मगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र के बलुआ गांव में बुधवार को उस समय बवाल हो गया जब जब देवी-देवताओं के अपमान का एक वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद गांव में जुटे सैंकड़ों लोगों ने नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इसके बाद इनमें से कई दबंगों ने दलितों की जमकर पिटाई की। दलितों ने स्थानीय थानाध्यक्ष पर भी पिटाई का आरोप लगाया है। सवाल ये है कि आरोप साबित होने से पहले पुलिस और हिंदूवादी संगठनों के कानून आपने हाथ में क्यो लिया।
क्या है मामला
पिछले तीन दिनों से यहां एक वीडियों वायरल हो रहा है जिसमें देवी-देवताओं के पोस्टर को फाड़ते हुए दिखाया गया है। अभी इस बात की तस्दीक नहीं हुई है कि य़े वीडियो कहां का है, लेकिन कहा जा रहा है कि स्थानीय दलित बस्ती के जसराज पुत्र बुद्धू के घर में लगे पोस्टर को फाड़ा गया है। इस मामले में गांव के ही दलित नौजवानों पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाकर उनकी पिटाई की गई है।
हिदूंवादी संगठनों ने की पिटाई
मंगलवार को जब वीडियो वायरल हुआ तो हिंदू संगठनों के लोग इकठ्ठा हो गए। आरोप है कि इन लोगों ने नारेबाज़ी करते हुए दलितों की पिटाई की। इस दौरान पुलिस पर भी आरोप लगा है कि उसने दलितों के घर में घुसे। वहीं गांव से कई पुरुष दलित पलायन कर चुके हैं। फिलहाल गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। इस मामले में हिंदूवादी संगठनों की तरफ से सूर्यमणि उर्फ मुन्ना सिंह ने आठ लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।