आज़मगढ़, यूपी
एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दबंग पुलिस की मिलीभगत से गरीबों, महिलाओं पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। ताज़ा मामला आज़मगढ़ ज़िले के सरायमीर का है जहां एक दबंग ने अकेले बच्चों से साथ रह रही मुस्लिम महिला के घर को जेसीबी लगाकर गिरा दिया है। महिला की फरियाद न तो स्थानीय पुलिस सुन रही है और ही ज़िले के आधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। खबर लिखे जाने तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है।
पूरा मामला थाना सरायमीर का है। यहां खरेवां मोड़ पर लियाकत अली का परिवार रहता है। लियाकत अली विदेश में नौकरी करके अपने परिवार की जीविकापार्जन कर रहे हैं। लियाकत अली की पत्नी आयशा अपने बच्चों के साथ घर में अकेले रहती है। पत्नी आयशा ने थाना को दी गई तहरीर में लिखा है कि 22 अप्रैल की रात 10 बजे दबंग सलीम पुत्र शुएब, फैसल समेत उसके कई साथियों ने बंदूक, लाठी और डंडे के साथ घर पर धावा बोल दिया। इसके बाद जब घर में छोटे-छोटे बच्चे डर से चिल्लाने लगे तो इन लोगों घर का दरवाज़ा बाहर से बंद कर दिया।
इसके बाद दबंग सलीम ने जेसेबी मशीन लगाकर मकान को गिराना शुरु कर दिया। हंगामा बढ़ता देख आसपास के लोग इकठ्ठा हो गए। जब लोगों ने विरोध किया तो दबंग सलीम लोगों को धमकी देकर अपने साथियों के साथ चला गया। दबंगों ने आयशा के मकान का ज़्यादातर हिस्सा गिरा दिया। आयशा ने किसी तरह अपने बच्चों को घर के पीछे हिस्से में जाकर अपनी जान बचाई। इसके बाद आयशा ने स्थानीय थाने पर दबंगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी।
सरायमीर थानाध्यक्ष की भुमिका संदिग्ध
जब आयशा थने पर पहुंची तो पहले थानाध्यक्ष ने उसे धमकी देकर भगा दिया। उसके बाद थानाध्यक्ष सरायमीर राम नरेश यादव ने महिला पर समझौते के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया। यहीं नहीं दबंग सलीम के कई करीबी थाने पर पहुंच गए और समझौते के लिए दबाव बनाया। महिला की तहरीर पर अभी तक एफआईआर नहीं लिखी गई है। दरअसल थानेदार राम नरेश यादव काफी दिनों से सरायमीर में डटे हुए हैं। उनके कई किस्से लोगों की ज़बान हैं। इस मामले में साफ ज़ाहिर है कि वो दबंगों से मिले हुए हैं और कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
ज़िले के बड़े अधिकारी खामोश
दबंगों द्वारा महिला और उसके बच्चों को मकान में बंद करके उसका मकान जेसीबी द्वारा तोड़े जाने की घटना के 24 घंटे से ज़्यादा बीत जाने के बाद भी कार्रवाई न होना कई सवाल पैदा करता है। इस संबंध में ज़िले के आलाधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई का आदेश नहीं दिया है। कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी डरा सा महसूस कर रहा है। आखिर आलाधिकारी इस मामले में कब कार्रवाई करेंगे और एसओ को खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, सबकी निगाहें इसी पर टिकी हुई हैं।