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22 Nov 2024, Fri
हर घर में बिजली कनेक्शन देने के लिए शुरू की गई सौभाग्य योजना के नाम पर भी अधिकारियों ने खूब झूठ बोला। तमाम घर छूट गए लेकिन शासन को दी गई रिपोर्ट में दर्शा दिया गया कि हर घर में कनेक्शन देकर मीटर लगा दिया गया। चुनाव के बाद कराए गए सर्वे से खुलासा हुआ है कि 18 लाख घर अभी भी बिजली के इंतजार में हैं, जबकि सौभाग्य योजना खत्म हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश में सौभाग्य योजना 2018 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत गरीबों के घरों में मुफ्त कनेक्शन का प्रावधान था। बिजली अफसरों को निर्देश दिए गए थे कि वह गांव-गांव मोहल्ले-मोहल्ले में जाकर उन परिवारों को कनेक्शन दें जिनके घरों में बिजली नहीं है।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले काम पूरा करने के निर्देश दिए गए। इसमें बिजली विभाग के अधिकारियों ने  तेजी दिखाते हुए शत प्रतिशत कवरेज की रिपोर्ट दी। अब हुए सर्वे में 18 लाख लोग ऐसे मिले हैं जिनके घरों में बिजली नहीं है ।मथुरा जिले में ही ऐसे घरों की संख्या सात से आठ हजार है।

जबकि जौनपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, बहराइच, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, कानपुर, झांसी, फतेहपुर, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, बागपत, हापुड़ मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, अलीगढ़ में तमाम लोग कनेक्शन के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

केंद्र से योजना का समय बढ़ाने की मांग की गई : श्रीकांत शर्मा
प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कटिया कनेक्शन खत्म करके नियमित कनेक्शन जारी किए गए। अब पता चला है कि चौदह से पंद्रह लाख लोगों को अभी भी कनेक्शन नहीं मिल सके हैं। चूंकि सौभाग्य योजना 31 मार्च को खत्म हो गई थी लिहाजा केंद्र सरकार से योजना की मियाद बढ़ाने की मांग की गई है।

दरअसल सौभाग्य योजना के अंतर्गत हर घर में कनेक्शन दिया जा रहा था लेकिन उस समय तमाम लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। घरों पर मीटर लगवाने को तैयार नहीं थे। अफसरों ने जगह जगह कैंप लगाकर समझाया मगर इन लोगों ने कनेक्शन नहीं लिए थे। अब जो लोग सामने आ रहे हैं वह वही लोग हैं। -विनोद कुमार , अधीक्षण अभियंता

By #AARECH