नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में बवाल मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। विदेश में भी अब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं।
लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर असम मूल के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह धर्म को बांटने वाला और धार्मिक भेदभाव पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम अपने असम के परिवारों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नए कानून से असमिया संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों को खतरा है। हम कोई भी आव्रजन कानून नहीं चाहते हैं। अर्थव्यवस्था आव्रजन को झेलने लायक नहीं है। इस कानून का आधार धार्मिक है।
लंदन में प्रदर्शनकारियों ने असम में रहने वाले अपने परिजनों को होने वाली तमाम परेशानियों के बारे में बताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस समय असम में हमारे परिवार मुसीबत में फंसे हुए हैं। परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है क्योंकि फोन सेवा ठप है। अस्पतालों की भी हालत खराब है।
सर्तक रहने की हिदायत
बहरहाल, अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, कनाडा और सिंगापुर समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन से गुजर रहे पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा करने के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से उत्पीड़न के चलते भारत पहुंचे गैर मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने पर केंद्रित इस नए संशोधित नागरिकता कानून से पूर्वोत्तर में जनाक्रोश फैला हुआ है। लोगों को डर है कि इससे अवैध प्रवासन की समस्या और बिगड़ सकती है।