बीजिंग, चीन
कम्यूनिस्ट देश चीन ने धार्मिक कट्टरता के नाम पर लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। चीनी सरकार ने आतंकवाद और विद्रोह रोकने के नाम पर अपने यहां दाढ़ी रखने और महिलाओं के बुर्का पहलने पर बैन लगा दिया है। चीनी सरकार ने ये बैन शिनजियांग प्रांत में दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर बैन लगा दिया है।
मालूम हो कि शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की आबादी ज़्यादा है। इससे पहले शिनजियांग प्रांत में पिछले रमजान के दौरान रोज़ा रखने पर भी पाबंदी लगाई गई थी। चीनी सरकार का आरोप है कि कुछ उइगर विद्रोही गुट अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं। चीन ने ये भी दावा किया है कि इसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
चीनी सरकार के दावे का मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया है। मानवाधिकार संगठनों ने कहा है कि चीनी सरकार ने विद्रोह दबाने के नाम पर सैकड़ों बेगुनाहों का मार दिया है और हज़ारों लोग जेलों में बंद हैं। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन की दमनकारी नीतियों की प्रतिक्रिया में ऐसा हो रहा है। शिनजियांग प्रांत के सांसदों ने बुधवार को यह कानून पारित किया। इसे इसी साल एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। इससे पहले भी कुछ जगहों पर दाढ़ी, हिजाब या नकाबपोश लोगों के बसों या अन्य सरकारी वाहनों में बैठने पर पाबंदी लगाई गई है।