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21 Nov 2024, Thu

चंचल बीएचयू

मीडिया को मोदी साहब ने बधिया कर दिया है। वरना इस वक्त तो दिल्ली बहुत रंगीन कहानियां बनाती है। चुनाव के मौसम में दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय चिड़िया घर से कम नही लगते। टिकटार्थियों की हरकतें मुल्क के लोकतंत्र की दास्तां बनती है लेकिन मीडिया बहुत संजीदगी से ‘पुष्पम पत्रम’ के अनुसार जनमत की घोषणा में मशगूल रहते हैं।

हमारे एक मित्र हैं उनका पूरा परिचय नही दे पाऊंगा उनकी तरफ से मनाही है। नाम है सिद्धार्थ द्विवेदी बाद बाकी बनारस उन्हें गिप्पी कह कर गोहराता है। अभी स्पेन में है, ऐसा बोल रहे हैं सम्भव है यह साकेत में स्पेन नाम का कोई सैलून हो जहां वे रंग रोगन कराने गए हों।

चुनाव के टिकट बंट रहे थे। हम दिल्ली में थे एक दिन गिप्पी साहब एक सज्जन को लिए हुए नमूदार हुए। अजीब से शख्सियत। सफेद खादी का कुर्ता, पजामा, चप्पल। बिल्कुले टटक। उनका अपना रंग अफ्रीकी रहा। सब मिला के वे अपना निगेटिव लग रहे थे। गिप्पी ने कहा ! सुनो- इन्हें एक टिकट दिला दो ! पार्टी में मदद करेंगे। चंद्रशेखर जी से बोल दो बस। हमने कहा पूरा परिचय तो बताइए। गिप्पी ने निहायत ही संजीदगी से कहा कि ये फूलन देवी के पति हैं।

मैने जी मन हमने कहा- कहां की आफत लेकर आया यह पंडित। बहरहाल हमने टाल दिया। शाम को हमने गिप्पी को समझाया – पंडित ! कहां-कहां से पकड़ लेते हो यार नमूना। खुद तो मारे ही जाओगे और हमें भी लपेटे जाओगे।

टिकट याचक बेहतर विषय है मीडिया के लिए।