हैदराबाद, तेलंगाना
एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है। ओवैसी ने निर्भया रेप मामले में अपनी बात रखते हुए कहा कि दंगो में हुए रेप और हत्याकांड की सामूहिक घटनाओं पर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। ओवैसी ने गुजरात के बिलकीस बानो केस में आरोपियों को फांसी की जगह उम्रकैद दिए जाने पर सवाल खड़ा किया है।
सांसद ओवैसी ने कहा कि गुजरात दंगों के दौरान मार्च 2002 में एक गर्भवती महिला बिलकीस बानो के साथ रेप किया। उसके बाद उसकी मासूम बच्ची के सर पर पत्थर मारा गया जिससे उसकी मौत हो गई। दंगाइयों यहीं नही रुके उन्होंने बिलकीस बानो की बहन, मां और परिवार के अन्य 11 लोगो को भी मार डाला था। ओवैसी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह मामला दोषियों को मौत की सज़ा दिए जाने के लिए बिल्कुल सही है।
सांसद ओवैसी ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले की इज़्ज़त करते हैं, लेकिन जानना चाहते हैं कि फैसले में दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात में जब बिलकीस बानो रेप काण्ड और उनके परिवार के लोगो की हत्या हुई थी उस समय गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थे। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने बिलकीस बानो के मामले पर कोई कार्यवाही नहीं होने दी थी तभी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौपा था।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या उनकी सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी, ताकि इस केस में शामिल दोषियों को मौत की सज़ा मिले।