नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार अगले साल से मेडिकल में एडमिशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा को उर्दू में कराने पर विचार कर रही है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों की अब एकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ हो रही है। केंद्र सरकार ने कई संगठनों की मांग पर उर्दू माध्यम में भी ये प्रवेश परीक्षा कराने के सुझाव पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार ने इस बात की जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी।
केंद्र सरकार के सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी। कोर्ट ने 3 मार्च को केंद्र और अन्य पक्षकारों से ‘नीट’ में उर्दू को भी एक माध्यम बनाने के सुझाव पर जवाब मांगा था। जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर भानुमति की पीठ के सामने रंजीत कुमार ने कहा कि इस साल से ‘नीट’ के लिए उर्दू माध्यम लागू करना व्यावहारिक नही है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केंद्र, भारतीय चिकित्सा परिषद यानी एमसीआई, डेंटल काउंसिल आफ इंडिया और सीबीएसई को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए 22 मार्च तक का समय दिया है। पीठ अब स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन की याचिका पर 26 मार्च को सुनवाई करेगी। एसआईओ ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके नीट-2017 की प्रवेश परीक्षा उर्दू माध्यम में भी कराने की मांग की थी। फिलहाल ‘नीट’ परीक्षा हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, उड़िया, बांग्ला, असमी, तेलुगू, तमिल और कन्नड भाषा में आयोजित हो रही है।