नई दिल्ली
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा के बाद के अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआई ने ही रिश्वत का मामला दर्ज किया है। इसके जवाब में राकेश अस्थाना ने सरकार को एक पत्र लिखकर गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के बिजनेसमैन सतीश सना की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। सतीश के खिलाफ मीट व्यापारी मोइन कुरैशीसे जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच हो रही है।
सीबीआई को दिए बयान में सतीश सना ने कहा है कि उसने राकेश अस्थाना को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। यह पैसा 10 महीने की अवधि में दिया गया है जिसकी शुरुआत दिसंबर 2017 से हुई है, ताकि सीबीआई इस केस में उसका नाम न दर्ज करे।
वहीं राकेश अस्थाना का दावा है कि सतीश सना कि यह शिकायत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों की साजिश है। उन्होंने सीबीआई चीफ और सीवीसी अरुण शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अस्थाना बताया कि उन्होंने अगस्त में ही कैबिनेट सचिव को इन शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार के 10 उदाहरण, आपराधिक कदाचार, संवेदनशील मामलों की जांच में हस्तक्षेप की जानकारी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई चीफ ने मोइन कुरैशी के मामले में सतीश सना के खिलाफ चल रही जांच को असफल करने के बदले 2 करोड़ रुपयी की रिश्वत ली है, लेकिन जब सतीश सना को देश को छोड़ने से मना कर दिया और उसे जांच के दायरे में लाया गया तो उनके खिलाफ साजिश रची गई।
अस्थाना के मुताबिक उन्होंने कैबिनेट सचिव को बताया कि सतीश सना ने हाल ही में की गई पूछताछ में बताया है कि उसने टीडीपी के नेता के जरिए सीबीआई निदेशक से केस का ‘सेटलमेंट’ किया है। टीडीपी के इस नेता के खिलाफ इनकम टैक्स छापे की भी कार्रवाई कर चुका है।
मालूम हो कि मीट व्यापारी मोइन कुरैशी के खिलाफ इस समय प्रवर्तन निदेशालय हवाला के मामलों की जांच कर रहा है। इसके तार दुबई, लंदन और यूरोप में कई जगह तक फैले हो सकते हैं। जांच एजेंसी ने यह भी बताया है कि आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के मुताबिक मोइन कुरैशी ने ‘उच्चाधिकारियों’ से ‘अनुचित’ काम कराने के बदले कई लोगों से काफी पैसे लिए हैं।