लखनऊ, यूपी
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्पेशल कोर्ट (एमपी एमएलए) ने मंजूर कर ली है। कोर्ट का कहना है कि वादी मुकदमा ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर कोई प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल नहीं किया है और विवेचना में आरोपित अपराध के बारे में पत्रावली पर कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए अभियुक्त को तलब किए जाने का कोई आधार नहीं है। यह आदेश स्पेशल जज पवन कुमार तिवारी ने जेष्ठ अभियोजन अधिकारी हरिओंकार सिंह, राधाकृष्ण मिश्रा, लाल चन्दन और एडीजीसी राजेश कुमार गुप्ता को सुनकर दिया है।
पहला मामला शामली के आदर्श मंडी थाने का है। वादी सुरेन्द्र सिंह कर अधीक्षक नगर पालिका परिषद शामली ने छह जून 2014 को अमित शाह पर मुकदमा दर्ज कराया था कि उन्होंने अपने भाषण में जनता की भावनाएं भड़काईं। इससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। विवेचना के बाद पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि भाषण की सीडी देखने से आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर वादी को पक्ष रखने के लिए तलब किया।
वादी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है अभियुक्त के खिलाफ किसी भी जुर्म का होना नहीं पाया गया है और न ही उसके पास कोर्ट में दाखिल करने के लिए कोई साक्ष्य है। वह मुकदमा नहीं लड़ना चाहता है।
दूसरा मुकदमा मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाने का है। वादी राम कुमार बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी ने 12 अप्रैल 2014 को इसे दर्ज कराया था। आरोप था कि अमित शाह ने जाति और धर्म के आधार पर मतदाताओं को लामबंद कर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।
कोर्ट में उपस्थित वादी ने अंतिम रिपोर्ट स्वीकार किए जाने पर कोई आपप्ति नहीं की है। इस तरह अमित शाह के खिलाफ दर्ज दोनों मुकदमे अंतिम रिपोर्ट मंजूर कर लिए जाने के बाद समाप्त हो गए हैं।