बागपत, यूपी
गन्ना का बकाया भुगतान न होने पर यूपी के बागपत में धरने पर बैठे गन्ना किसान की शनिवार को मौत हो गई। ये किसान तहसील परिसर में धरना दे रहा था। किसान की मौत के अगले दिन रविवार को ज़िले में पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम लगा है। ऐसे में प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। प्रशासन ने दबाव बनाकर आनन फानन में किसान के परिवार को 12 लाख रुपए देने की घोषणा करके किसानों का धरना खत्म करवा दिया।
मालूम हो कि ये किसान 21 मई से तहसील में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। बावजूद इसके प्रशासन और यूपी सरकार को किसानों की हालत पर तरस नहीं आया। धरने पर न तो कोई अधिकारी और न ही सत्ता पक्ष कोई सांसद या विधायक उनसे मिलने पहुंचा। घटनास्थल से करीब 30 किलोमीटर दूर बागपत में ही रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम था। यहां पीएम मोदी इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। लेकिन मोदी जी के मुंह से किसानों की हालत को लेकर एक शब्द नहीं निकला।
मौके पर पहुंचे आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि वास्तव में जो आदमी अपने स्वार्थ की लड़ाई न लड़कर दूसरों के लिए कुर्बानी दे दे, उसे शहीद ही कहा जाता है। बड़ौत तहसील में किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 21 मई से किसान पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। इन पांच मांगों में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की भी मांग प्रमुख थी।