लखनऊ, यूपी
वर्ल्ड यूनानी डे के मौके पर हकीम अजमल खान को याद करते हुए बीयूएमएस डॉक्टर एसोसिएशन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका आयोजन बीयूएमएस डॉक्टर एसोसिएशन ने किया था। इस कार्यक्रम में सैकड़ों यूनानी चिकित्सक मौजूद रहे। ये कार्यक्रम बीडीए को गोलागंज स्थित कार्यालय पर आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद डॉ अब्दुल अली तिब्बिया कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और सीसीआईएम की सिलेबस कमेटी के सदस्य प्रोफेसर डॉ मोहम्मद शमीम खान ने कहा कि हकीम अजमल खान को हम हमेशा याद करते हैं, और करते रहेंगे। हकीम अजमल खान ने उस दौर में तिब्बे यूनानी को फरोग देने का काम किया जब देश में जंगे आजादी के लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी। इस दौरान एक तरफ वो आजादी की लड़ाई में पहली पंक्ति में खड़े होकर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे तो दूसरी तरफ वह तिब्बी खिदमात को अंजाम दे रहे थे।
कार्यक्रम में मौजूद आयुष डॉक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ तौकीर रजा ने कहा कि हकीम अजमल खान और उनके रिसर्च करने के तरीके, उनकी फिक्र को देखें तो तो लगता है कि तिब्ब यूनानी के लिए उनकी सोच 100 साल के आगे की थी। उन्होंने जिस तरह से यूनानी दवाओं पर रिसर्च की और दूसरे लोगों को रिसर्च पर लगाया उससे यूनानी को काफी फायदा मिला।
कार्यक्रम में मौजूद यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मोहम्मद आमिर जमाल ने कहा हकीम अजमल खान अपने दौर में हमेशा लोगों को जोड़ने की कोशिश की। यही वजह है कि आज हम उनके योमें पैदाइश पर “वर्ड यूनानी डे” मनाते हैं। इस दिन पूरी दुनिया में तिब्ब यूनानी से जुड़े लोग इकट्ठा होकर उन्हें याद करते हैं। यूनानी चिकित्सक न सिर्फ एक दूसरे से मिलते हैं बल्कि यूनानी पैथी पर विचार-विमर्श, सेमिनार, लेक्चर समेत तमाम कार्यक्रम होते हैं।
कार्यक्रम के समापन में बीयूएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अब्दुल हलीम ने सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम और होने चाहिए जिससे तिब्ब यूनानी को फरोग मिले। साथ ही और यूनानी से जुड़े लोग एक दूसरे से मिलकर यूनानी को आगे ले जाने की कोशिश करें।
कार्यक्रम का संचालन बीडीए के मीडिया प्रभारी डॉ अशफ़ाक़ अहमद ने किया। कार्यक्रम में बीडीए के जनरल सेक्रेटरी डॉ नियाज़ अहमद, कोषाध्यक्ष डॉ अनीस सिद्दीकी, ट्रेज़रार डॉ सिराज अहमद, डॉ महफूज़ आलम, डॉ नसीम खान, डॉ एम एफ खान, डॉ अहमद रज़ा, डॉ सिराज अंसारी, डॉ तौकीर रजा, डॉ एम एच उस्मानी, डॉ आमिर जमाल, डॉ आदिल रज़ा, डॉ आज़म, डॉ शाहनवाज़ खान, डॉ शमीम फारूकी अब्दुल मोहई फारूकी समेत सैकड़ों चिकित्सकों ने भाग लिया।