इलाहाबाद, यूपी
ज़िले के मऊअइमा के पूर्व ब्लाक प्रमुख मोहम्मद शमी को उनके गृहनगर में सुपुर्द–ए-खाक किया गया। उनके आखिरी रुसुमआत के मौके पर हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए। इस मौके पर लोगों ने कहा कि वह हमेशा गरीबों की लड़ाई लड़ते रहे। न सिर्फ आम लोग बल्कि इसके साथ ही सपा, बीएसपी और कांग्रेस के दर्जनों नेता भी मोहम्मद शमी के आखिरी रुसुमआत में शामिल हुए।
दूसरी तरफ हत्यारोपी बीजेपी नेता को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार नहीं किया है, वह फरार है। लोगों ने पुलिस पर दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहम्मद शमी ने पहले ही अपनी हत्या की बात कही थी। स्थानीय पुलिस इस मामले में गंभीर होती तो ये घटना न होती। मोहम्मद शमी की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव बरकरार है।
मालूम हो कि मोहम्मद शमी की रविवार रात कुछ बदमाशों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस पर परिवार ने एक स्थानीय बीजेपी नेता पर आरोप लगाया था। पूर्व ब्लाक प्रमुख मोहम्मद शमी 65 साल के थे और वह मऊआइमा के दुबाही गांव के रहने वाले थे। हाल ही में उनके गांव के बगल में प्रतापगढ़ ज़िले के एक गांव में एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार करके मारने पीटने के खिलाफ भी उन्होंने आवाज़ उठाई थी। इस गांव के युबक को लिस ने उसेक एक दोस्त के साथ उठा लिया था और बाद में उसे इलाहाबाद के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती करायया था।
मोहम्मद शमी मऊआइमा ब्लाक के चार बार ब्लाक प्रमुख रहे और तीन बार वह विधानसभा चुनाव भी लड़े। साल 2002 में वह कुंडा विधानसभा से राजा भैया के खिलाफ भी चुनाव मैदान में थे। कई मामलों में उन्हें गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था। पिछला ब्लाक प्रमुख चुनाव हारने के बाद से मोहम्मद शमी सपा छोड़कर बीएसपी से जुड़ गये थे। उन्होंने थाने से कुछ ही दूरी पर सुल्तानपुर खास गांव में कार्यालय और मकान बना रखा था। वह इसी मकान में रुकते थे।
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