लखनऊ, यूपी
बीएसपी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सपा और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दोनों को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां पर्दे के पीछे मिली हुई हैं और लाशों के ढेर पर राजनीति करती हैं। दोनों पार्टियों ने मिलकर प्रदेश में लगभग 400 छोटे-बड़े दंगे कराए हैं।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के घर पर किसी कार्यक्रम में पीएम से लेकर बीजेपी के नेताओं की लाइन लग जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब-जब सपा की सरकार रही है, तब-तब बीजेपी मज़बूत हुई है। दूसरी तरफ बीएसपी की सरकार के समय में बीजेपी कमज़ोर हुई है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सपी की सरकार में बीजेपी ने 73 सांसद जीते हैं।
बीएसपी नेता सिद्दीकी ने कहा कि इससे पहले बीएसपी सरकार के कार्यकाल में बीजेपी की बुरी तरह हार हुई थी। उन्होंने कहा कि खुद मुलायम सिंह यादव पहली बार 1967 में जनसंघ की मदद से जसवंतनगर से जीते थे। बाद में भी जनसंघ और बीजेपी से सांठगांठ करके सपा मुखिया राजनीति करते रहे। बीजेपी 1989 से पहले दो सांसदों तक सिमटी थी, उसके बाद में सपा की मेहरबानी से 89 सांसद हो गए। बसपा महासचिव ने सपा पर मुस्लिम नेताओं की उपेक्षा का भी आरोप लगाया।
नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि बिहार में महागठबंधन बनाने वाले मुलायम सिंह ने बीजेपी से सांठगांठ के चलते ही बाद में गठबंधन से खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने कहा कि सपा द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि बीएसपी और बीजेपी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सपा इस बयान के ज़रिये मुस्लिम वोटों का बंटवारा कराना चाहती है। नसीमुद्दीन ने सपा सरकार के कार्यकाल में मुसलमानों की उपेक्षा होने का भी आरोप लगाया।