मुंबई, महाराष्ट्र
2008 के मालेगांव बम ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को बॉम्बे हाईकोर्ट से बेल मिल गई है। हाईकोर्ट ने आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर मंगलवार को बेल दे दी। इसी केस में दूसरे आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की बेल पिटीशन कोर्ट ने खारिज कर दी। मार्च में हाईकोर्ट ने कर्नल की बेल पिटीशन पर फैसला सुरक्षित रखा था।
पिछले साल एनआईए प्रज्ञा को क्लीनचिट दे चुकी थी। इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट में उनकी बेल पिटीशन खारिज कर दी थी।
दरअसल एनआईए ने पहले ही प्रज्ञा को क्लीन चिट दे दिया था। एनआईए की स्पेशल कोर्ट से बेल पिटीशन खारिज होने के बाद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बेल पिटीशन दायर की थी। मालेगांव ब्लास्ट के एक विक्टिम ने भी प्रज्ञा की बेल का विरोध किया था। विक्टिम का कहना था कि उनके जेल से बाहर आने से गवाहों की जान को खतरा होगा। लेकिन बाम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को बेल दे दी।
ब्लास्ट का था आरोप
मालूम हो कि 21 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में 2 ब्लास्ट हुए थे। इनमें 7 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 79 जख्मी हुए थे। ये ब्लास्ट उस वक्त किए गए थे, जब लोग रमज़ान के दौरान नमाज़ पढ़ने जा रहे थे। इस ब्लास्ट के पीछे हिंदूवादी आतंकी गिरोह से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी।
कौन है साध्वी प्रज्ञा
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव में हुए धमाकों की साजिश रचने का आरोप है। करीब 14 साल की उम्र में ही प्रज्ञा का झुकाव आरएसएस की ओर हो गया था। प्रज्ञा कॉलेज के दिनों में एबीवीपी से जुड़ी थी। साध्वी प्रज्ञा के पिता सीपी ठाकुर मध्य प्रदेश में भिंड ज़िले के लहार में गल्ला मंडी रोड पर रहते थे और एक क्लीनिक चलाते थे। वो खुद आरएसएस से जुड़े थे। प्रज्ञा ने पढ़ाई पूरी होने के बाद सूरत में एक आश्रम बनाया और अपनी फैमिली को भी वहीं बुला लिया। साध्वी प्रज्ञा पर आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप है। जोशी की 27 दिसंबर, 2007 को देवास में हत्या की गई थी। प्रज्ञा को 23 अक्टूबर, 2008 में गिरफ्तार किया गया था।