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22 Nov 2024, Fri

बांदा, यूपी

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 22 साल पहले कब्र में दफनाए गए एक शख्स का जनाजा ज्यों का त्यों पड़ा मिला है। न लाश सड़ी-गली और न ही कफ़न मैला हुआ था। जहां एक ओर स्थानीय लोग और संत इसे चमत्कार मान रहे हैं, वहीं विज्ञान की अपनी अलग सोच है। मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि ऐसा मुमकिन तो नहीं है, लेकिन अगर किसी वजह से बॉडी प्रीजर्व हो गई हो तो ऐसा संभव है।

दरअसल, बुधवार को जिले में हुई मूसलाधार बारिश में बबेरू कस्बे के अतर्रा रोड स्थित घसिला तालाब के कब्रिस्तान में कई कब्रों की मिट्टी धंस गई। इनमें से एक कब्र 22 साल पुरानी थी, जिसमें नसीर अहमद नाम के एक शख्स को दफ़न किया गया था। कब्र में नसीर अहमद का जनाजा ज्यों का त्‍यों पड़ा मिला। न लाश को कुछ हुआ और न ही कफ़न मैला हुआ था।

इस मामले में जब जिला अस्पताल के डॉ अभिनव से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि यह मुमकिन तो नहीं है, लेकिन अगर बॉडी को किसी लकड़ी के ताबूत में या फिर इस तरह दफ़न किया गया हो जिससे वह मिट्टी के संपर्क में न आ पाया हो और वह प्रीजर्व हो गया हो तो ऐसी स्थिति में यह संभव है। अन्यथा यह मुमकिन नहीं हो सकता। कफ़न के भी मैला न होने पर उन्होंने कहा कि यह दोनों ही जांच के विषय हैं।

दूसरी तरफ, संत हनुमान दास सोमदत महराज ने बताया कि इसमें कुछ भी अचंभित करने वाला नहीं है। महापुरुषों की समाधी में ऐसा उन्होंने देखा है। 50 वर्षों तक शरीर जस का तस बना रहता है। बस आंख और पेट को छोड़कर। उन्होंने कहा कि लेकिन शर्त यही है कि शव मिट्टी के संपर्क में न आए। उन्होंने कहा कि कफ़न भी उसी तरह जस का तस मिलेगा।

BODY FOUND WITHOUT DECOMPOSED IN GRAVE AFTER 22 YEARS DOCTOR SAYS IT IS IMPOSSIBLE 2 220819

जामा मस्जिद के मौलाना इकरामुद्दीन ने भी संत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी अल्लाह के नेक बंदे होते हैं, उन्हें मिट्टी नहीं खाती। ऐसा अल्लाह का हुक्म है। इसमें कुछ भी अचंभित करने वाली बात नहीं है। इस मामले में भी यही हुआ।

 

By #AARECH