अब्दुल अज़ीज़
बहराइच, यूपी
अयोध्या में अति प्राचीन बाबरी मस्जिद की शहादत को लेकर मुसलमानों को शोक व्यक्त करते हुये उसके पुनर्निर्माण की मांग स्वरूप काला दिवस मनाया गया। इस सम्बन्ध में बहराइच के विभिन्न मुस्लिम संगठनों की ओर से विरोध स्वरूप धरना, प्रदर्शन और जुलूस निकाल कर 1992 में देशद्रोही ताकतों के ज]रिये संविधान की अवहेलना करते हुये अयोध्या में स्थित देश की अति प्राचीन मस्जिद को जबरन शहीद कर दिया गया था।
6 दिसम्बर को मस्जिद की शहादत की 24 वीं बरसी के मौके पर कुल हिन्द इस्लामिक फेडरेशन द्वारा डा वसीमुल हक, डा अज़ीमुल्ला खान, रियाजुद्दीन, मौलाना वली उल्ला मज़ाहरी आदि द्वारा सैकड़ों लोगों के साथ मुकामी घण्टाघर से एक जुलूस निकाला गया। इस के बाद राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपते हुये बाबरी मस्जिद के पुनः निर्माण और इस शहादत के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही आदि की मांग की है।
आस्ताना अमीर माह रह पर बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के शकील किदवई, राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल की तरफ से मौलाना सरवर कासमी और मौलाना शहीद नदवी की कयादत में एक रैली आयोजित कर राष्ट्रपति को सम्बोधित अपना-अपना ज्ञापन सौंपते हुए मस्जिद के पुनर्निर्माण और अन्य समस्याओं के निस्तारण की मांग की गयी है। इसी तरह ज़िले के मुस्लिम अधिवक्ता फोरम के तत्वाधान में भी सैंकड़ों की तादाद में शामिल होकर मुस्लिम अधिवक्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञान प्रस्तुत किया। इसमें मो अकरम एडवोकेट, अब्दुल अज़ीज़ एडवोकेट, शमसाद अहमद एडवोकेट, एहतिशाम जाफरी एडवोकेट, वसीम अहमद एडवोकेट, एम मन्नान एडवोकेट, और मोईनुद्दीन एडवोकेट समे कई वकील शामिल रहे।
इन संगठनों के अलावा पीस पार्टी की तरफ से मो शकील खान, AIMIM की तरफ से डा दानिश जमील, सददन खान और अल्ताफ वगैरह की कयादत में हजारों लोगों ने शिरकत कर 1992 में हुई उक्त घटना की निन्दा करते हुये जहां इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया वहीं इसके दोषी अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही न किये जाने पर चिन्ता जताते हुये उनके खिलाफ कठोरतम देशद्रोही कार्यवाही, मस्जिद की पुनर्स्थापना और अन्य मुस्लिम समस्यायों के निस्तारण की मांग करते हुये ज़िला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है। 6 दिसम्बर को ध्यान में रखते हुये जिला प्रशासन द्वारा जनपद में बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी।