लखनऊ, यूपी
पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को तमिलनाडु और केरल की यात्रा पर थे। यहां उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और साथ ही रैली को संबोधित किया। पीएम की इस यात्रा पर राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो वो इसका संबंध सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव से निकाल रहे हैं। बीजेपी की कोशिश है कि 2019 लोकसभा चुनाव में उसकी जीत का रास्ता दक्षिणी राज्यों से होकर निकले। दरअसल दक्षिणी राज्य में पार्टी की कमज़ोरी उसके सामने बड़ी चुनौती है। उत्तर भारत की तुलना में पार्टी यहां काफी कमज़ोर है।
सपा-बसपा गठबंधन ने खड़ी की मुश्किल
कहते हैं कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। 2014 को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में बीजेपी सबसे ज्यादा सीट जीतने में कामयाब रही थी। इस बार सपा-बसपा गठबंधन के चलते उसकी राह मुश्किल हो चली है। इसलिए अब बीजेपी की निगाह दक्षिण के राज्यों पर है। पार्टी के रणनितिकारों का मानना है कि दक्षिणी राज्य बीजेपी को वह आधी सीटें दिला सकते हैं जो वह उत्तर भारत में गंवा ने हालत में दिख रही है। यानी उत्तर भारत में पार्टी को होने वाले नुकसान की भरपाई दक्षिण के राज्यों के मतदाताओं को साधकर करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव हुए जहां पार्टी को करारी शिकस्त मिली।
पार्टी की रणनीति
दक्षिण में पांच राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना और एक केंद्र शासित प्रदेश (पुड्डुचेरी) है। इन राज्यों में लोकसभा की 130 सीटें हैं। कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी की स्थिति अन्य राज्यों में अच्छी नहीं है। कर्नाटक की 28 में से 17 लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं। तमिलनाडु में गठबंधन के साथ पार्टी के पास केवल दो सीटें और तेलंगाना में एक सीट है। 2 हफ्तों से कम समय के अंदर रविवार को पीएम दूसरी यात्रा पर यहां पहुंचे थे।
बीजेपी ने खुले रखें हैं विकल्प
मदुरई में पीएम ने एम्स अस्पताल की आधारशिला रखी थी। यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी पर तो निशाना साधा लेकिन किसी भी क्षेत्रीय पार्टी को लेकर कुछ नहीं कहा। इससे अटकलें तेज हैं कि बीजेपी एआईएडीएमके के साथ संभावित गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठी है।
बीजेपी का हिंदुत्व का मुद्दा
सबरीमाला पर दिए गए उच्चतम न्यायालय के फैसले जिसमें 10-50 साल की उम्र वाली महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है, यह बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा है। वह इस मुद्दे के जरिए केरल सरकार के खिलाफ हिंदुओं को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश में है। राज्य की कम्युनिस्ट सरकार अदालत के फैसले को लागू करने पर अड़ी हुई है, वहीं बीजेपी सीधे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करके हिंदुओं को अपने पक्ष में करने का हित साध रही है। केरल के थ्रिसूर में एक रैली के दौरान पीएम ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए उसपर लोगों की सांस्कृतिक मान्यताओं के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया था।
आसान नहीं है रास्ता
बीजेपी के लिए दक्षिण का रास्ता आसान नहीं है। कई राज्यों में क्षेत्रीय दल हावी है। वहीं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का जुड़ाव इन राज्यों से न के बराबर है। पीएम मोदी भले ही अपनी रैलियों में कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हों लेकिन इन राज्यों में कांग्रेस का जनाधार उतना नहीं है उसे अपनी तरफ मोड़ पर बीजेपी बड़ा फायदा उठाये। अब देखना ये है कि चुनाव में बीजेपी की रणनीति कितनी सफल होती है।