गोंडा, यूपी
ज़िले के बहुचर्चित आरएन पाण्डेय नर्सिंग होम गोलीकाण्ड में अदालत ने सज़ा का एलान कर दिया है। गुरुवार को अदालत ने दोनों पक्षों के अभियुक्तों को सज़ा सुनाई है। बीजेपी विधायक के बेटे को जानलेवा हमला और सुरक्षा गार्ड को अंग-भंग करने के मामले में सात-सात साल की सश्रम कैद और 16 हज़ार रुपए फाइन की सजा सुनाई गई है। दोनों सज़ाएं एक साथ चलेंगी। दूसरी तरफ चिकित्सक पक्ष के पांच लोगों को दस-दस साल की कैद की सज़ा दी गई है।
फाइन की अदायगी न करने पर मुजरिमों को अतिरिक्त सज़ा भुगतनी होगी। प्रभारी ज़िला शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि बीजेपी विधायक बावन सिंह के पुत्र मोनू सिंह उर्फ वैभव को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) महेश नौटियाल ने सज़ा सुनाई। उन्हें धारा 147, 148 व 149 में तो दोषमुक्त कर दिया गया लेकिन धारा 307 व 326 में सात-सात साल की कैद की सज़ा दी है। वहीं धारा 504 व 506 में अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। विधायक पुत्र पर 16 हज़ार अर्थदण्ड लगाया गया है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
दूसरी तरफ चिकित्सक की तरफ से पांच लोगों को कैद हुई है। अदालत ने चन्द्रमोहन मिश्र, विश्वास पाण्डेय, पवन मिश्र, सुरेश कुमार पाण्डेय व अवधेश तिवारी को गैर इरादतन हत्या में दस-दस साल की कैद की सज़ा सुनाई है। इन पर भी जुर्माना लगाया गया है।
क्या था मामला
दरअसल साल 2012 में 8 मई को दोपहर शहर के आरएन पाण्डेय नर्सिंग होम में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में गोली चली थी। इस मामले में बीजेपी विधायक बावन सिंह के पुत्र डॉ. गौरव सिंह घायल हुए थे। इनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। वहीं नर्सिंग होम के गार्ड सुरेश कुमार पाण्डेय भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। दोनों पक्षों की ओर से कई लोगों को नामजद कराते हुए अलग-अलग धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था।