महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आए छह दिन बीत चुके हैं। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिलने के बाद भी अभी तक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। चुनाव के रुझानों के साथ ही शिवसेना ने बीजेपी पर नई शर्तें थोपनी शुरू कर दी थी। नई शर्त के अनुसार शिवसेना को मंत्रिमंडल में आधी संख्या और शुरू के ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद चाहिए लेकिन बीजेपी किसी भी हालत में शिवसेना का ये प्रस्ताव मानने को तैयार नहीं है। इस बात की घोषणा खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कर दी है। वैसे महाराष्ट्र विधानसभा के कार्यकाल को देखें तो नौ नवंबर से पहले सरकर गठन होना जरूरी है। ऐसा न होने की स्थिति में संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है।
बीजेपी प्लान 2014 को दोहराने की तैयारी में
कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद बीजेपी के एक धड़े ने शिवसेना के बिना सरकार बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसे नाम दिया गया है ‘प्लान 2014’। सूत्रों की मानें तो बीजेपी वर्ष 2014 की तरह महाराष्ट्र में अकेले सरकार बना सकती है। विधानसभा के आंकड़ों को देखें तो ये थोड़ा मुश्किल जरूर लगता है लेकिन जो लोग बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उनकी कार्यशैली को जानते हैं, उन्हें पता है कि बीजेपी किसी भी तरह महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है। इस प्लान को जानने के लिए बीजेपी सरकार के 2014 के बहुमत परीक्षण को देखना जरूरी होगा। इस बहुमत परीक्षण में शिवसेना आखिर तक बीजेपी के खिलाफ खड़ी थी लेकिन अंतिम समय में अपरोक्ष रूप से उसे बीजेपी के साथ आना पड़ा था।
ये है बीजेपी का मास्टर प्लान- प्लान 2014
बीजेपी के मास्टर प्लान के अनुसार यदि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 2014 की तरह विश्वासमत के समय सदन से वॉकआउट कर जाए तो सरकार अपना बहुमत सिद्ध कर सकती है। दरअसल 288 सदस्यों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में अगर 54 सदस्यों वाली एनसीपी बहुमत के खेल से बाहर हो जाती है तो यह संख्या 234 रह जाएगी। यानी बहुमत का आकड़ा 118 हो जाएगा, जिसमें बीजेपी के पास 105 सीटें हैं, ऐसी स्थिति में उसे सिर्फ 13 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में 13 निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं और 15 से उपर छोटे दलों के विधायक हैं। ऐसे में अगर फॉर्मूला 2014 काम करता है तो बीजेपी के लिए सत्ता का रास्ता आसान हो जाएगा। हालांकि एनसीपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कभी वो शिवसेना का साथ देने के संकेत देती है तो कभी विपक्ष में बैठने का। लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी शरद पवार किस मौके पर कौन सा दांव खेलेंगे इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
चुनाव नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन बहुमत से दूर
बता दें कि पिछले हफ्ते गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में बीजेपी 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं उसकी सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। एनसीपी के खाते में 54 सीटें आई हैं जबकि कांग्रेस 44 सीटें जीतकर चौथे स्थान पर रही है।