लखनऊ
यूपी में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम धीरे-धीरे सामने आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी कई ज़िलों में हार का सामना सरना पड़ा है। राजधानी लखनऊ की सभी 25 सीटों के रिजल्ट मंगलवार सुबह घोषित कर दिए गए। रिजल्ट में खास बात यह रही कि कई कद्दावर नेता और उनके रिश्तेदार चुनाव में धराशायी हो गए। लखनऊ जिला पंचायत की 25 सीटों में से बीजेपी को 3, सपा को 10, बसपा को 5 और अन्य को 7 सीटों पर जीत मिली है।
राजधानी में सरोजनी नगर वॉर्ड नंबर 15 से जिला पंचायत सदस्य के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी और मोहनलालगंज की पूर्व सांसद रीना चौधरी चुनाव हार गई हैं। उन्हें सपा समर्थित पलक रावत ने भारी मतों के अंतर से हराया। रीना चोधरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदार मानी जा रही थीं।
युवाओं पर भरोसा
पंचायत चुनाव में इस बार युवाओं पर जनता ने ज़्यादा भरोसा जताया है।। कई जगह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे युवाओं ने बाजी मारी। मोहनलालगंज इलाके में करीब 60 फीसदी सीट युवाओं की झोली में गई है। इसके साथ कई उम्मीदवार तीसरी बार अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे। वहीं महिलाएं भी प्रधानी की कुर्सी हासिल करने में पीछे नहीं रहीं।
निगोहां में सबसे युवा प्रधान
मोहनलालगंज की चर्चित पंचायत निगोहां के 25 साल के अभयकांत दीक्षित इस बार प्रधानी का चुनाव जीतकर सबसे युवा प्रधान बने हैं। उनके माता-पिता भी प्रधान रह चुके हैं। इस बार सामान्य सीट होने पर वे चुनाव मैदान में उतरे थे। कई प्रतिद्वंद्वी भी उनके सामने थे, लेकिन सीट अभय की झोली में आई। वहीं, चिनहट के अनौरकला में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे युवा अमित राज ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुरेश यादव को 298 मतों से हराया।