लखनऊ, यूपी
बंगाल के नतीजों के बाद बीजेपी अभी हार का सदमा भूल भी नही पाई थी कि उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के नतीजों ने उसकी उड़ा दी है। इन चुनावों में बीजेपी को सियासी तौर पर बड़ा झटका लगा है। अयोध्या से लेकर मथुरा और काशी सहित प्रदेश के कई जिलों में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं राजधानी लखनऊ में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।
ज़िला पंचायत चुनाव में सपा ने दावा किया है कि उसने बीजेपी को करारी मात दी है। हालांकि, बीजेपी की ओर से भी सोमवार को ही दावा किया गया है कि यूपी पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर नंबर वन पर है। इन दावों के बीच एक बात तो साफ है कि विधानसभा और लोकसभा में जीत का परचम लगराने वाली बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।
अयोध्या में बीजेपी को मिली हार
राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। अयोध्या जनपद में जिला पंचायत सदस्य की कुल 40 सीटें हैं। इनमें से 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करने का दावा किया। साथ कहा गया है कि यहां बीजेपी को महज 6 सीटें ही मिली हैं। इसके अलावा 10 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है। बीजेपी को यहां अपने बागियों के चलते करारी मात खानी पड़ी है, क्योंकि 13 सीटों पर पार्टी के नेताओं को टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे। वहीं, बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि निर्दलीय उनके साथ हैं। इस तरह से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर सपा और बीजेपी के बीच जबरदस्त घमासन होने की उम्मीद है।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सपा को मिली जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी की हालत चिंताजनक है। एमएलसी चुनाव में शिकस्त खाने के बाद बीजेपी को जिला पंचायत चुनाव में भी करारी मात मिली है। जिला पंचायत की 40 सीटों में से बीजेपी के खाते में महज 8 सीटें आई हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी ने दावा कि उसे 14 सीटों पर जीत मिली। बसपा की बात करें तो उसने यहां पांच सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं अपना दल (एस) को 3 सीट मिली हैं। आम आदमी पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को भी 1-1 सीट मिली है। इसके अलावा 3 निर्दलीय प्रत्याशियों को भी जीत मिली है। 2015 में भी वाराणसी में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
कृष्ण नगरी में बीएसपी ने लहराया परचम
कृष्ण की नगरी मथुरा जिले की बात करें तो यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। मथुरा में बहुजन समाज पार्टी ने बाजी मारी है। यहां पर बसपा की ओर से दावा किया गया है कि उसके 12 उम्मीदवारों ने जीत का परचम फहराया ह। वहीं आरएलडी ने भी दावा किया है 8 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बीजेपी 9 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। सपा को 1 सीट से काम चलाना पड़ा। 3 निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं। मथुरा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। खुद कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुनाव हार गए। माना जा रहा है कि मथुरा बीजेपी की हार किसानों की नाराजगी के चलते हुई है।
पंचायत चुनाव 2022 का लिटमस टेस्ट
अयोध्या, मुथरा, काशी बीजेपी के एजेंडे में हमेशा शामिल रहा है। बीजेपी इन तीनों जिलों के नाम पर अपनी सियासत यूपी में नहीं बल्कि देश भर में करती रही है। ऐसे में बीजेपी का इन तीनों जिलों में करारी हार होना बड़ा झटका है। वहीं, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगातार सपा बीजेपी को मात देती जा रही है। मथुरा में बसपा का नंबर वन पर आना यह बता रहा है कि मायावती का सियासी असर अभी खत्म नहीं हुआ है।