मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह हर हाल में रेलवे को अपने नियंत्रण में ही रखे। सरकार के अधीन ही यह होना चाहिए।पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे देश की एकता का प्रतीक है। इसका नियंत्रण कभी निजी हाथों में नहीं जाना चाहिए। मैं रेल मंत्री रहा हूं। अपने अनुभव के आधार पर यह कह रहा हूं। यह भी कहा कि रेलवे में किसी खास कार्य को पीपीपी मोड में कराना अलग बात है। पर, इसका नियंत्रण सरकार के पास ही होना चाहिए।
गौरतलब हो कि पांच जुलाई, 2019 को संसद में पेश बजट पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया में रेलवे का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बजट में रेलवे की योजनाओं को पूर्ण करने के लिए जन-निजी-भागीदारी के तहत राशि उगाही की बात कही गई है। केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए कि इससे यह संदेश न जाए कि रेलवे का निजीकरण किया जाएगा।
75% कब्रिस्तानों की हुई घेराबंदी : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि संवेदनशीलता के आधार पर बनायी गयी कब्रिस्तानों की सूची में शामिल 75 फीसदी की घेराबंदी हो चुकी है। शेष 25 फीसदी कब्रिस्तान या दरगाहों की जल्द घेराबंदी का निर्देश दिया गया है। राजद विधायक रघुवंश कुमार यादव के एक तारांकित प्रश्न पर प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र यादव के जवाब के बाद इसमें हस्तक्षेप करते हुए सदन के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने 2006 में सर्वेक्षण कराकर ऐसे 8064 कब्रिस्तानों की सूची बनाई, जहां विवाद है या विवाद उत्पन्न होने की संभावना है।
इसके बाद संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कब्रिस्तानों की घेराबंदी की प्राथमिकता तय करने के लिए अधिकृत किया गया। हाल ही में उन्होंने इसकी समीक्षा की तो पाया कि प्राथमिकता वाले 8064 में से 75 प्रतिशत कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो चुकी है। शेष की घेराबंदी जल्द पूरा करने को कहा है।