पटना, बिहार
बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सीमांचल इलाका पूरा तरह से तबाह हो चुका है। अवाम सड़क पर है लेकिन उन्हें सुनने वाला की नहीं है। दरअसल ये इलाका मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र है। चुनाव में तो यहां पर नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन अब बाढ़ के बाद तबाही के बीच यहां कोई हाल पूछने वाला नहीं आ रहा है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सिर्फ चंद लोग ही आगे आएं हैं।
यूपी में पूर्वी इलाके आज़मगढ़ से राजनीति शुरु करने वाले मौलाना आमिर रशादी ऐसे में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए खुद सामने आए हैं। वो राहत सामाग्री लेकर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं। मौलाना रशादी लोगो की ज़रूरियात का सामान बांट रहे है और उनके दुखों में शामिल हो रहे हैं। बिहार में सबसे ज़्यादा तबाह इलाका अररिया का है। मौलाना रशादी यहां के कई गांव का दौरा किया और उनकी परेशानी को सुना। मौलाना रशादी और उनकी टीम ने यहां लोगों के बीच ज़रूरत का सामान दिया।
मौलाना रशादी उस पुल को भी देखने गए जो बाढ़ में बह गया था और इनमें कई लोग बहकर लापता हो गए थे। मौलाना रशादी ने कहा कि पूरे बिहार के अब तक के सफर में यहाँ की अवाम को इस बात की तकलीफ है कि मुसीबत के वक़्त भी कोई भी क़ौम का नेता उनके बीच नज़र नहीं आया। मौलाना रशादी ने कहा कि वह जितना हो सकेगा लोगों की मदद करते रहेंगे।
इससे पहले मौलाना रशादी अररिया से पहले रास्ते में गोपालगंज ज़िले में रुके। यहां के झाझवा में बाढ़ से तबाह लोगो ने नेशनल हाईवे 28 को 6 घंटे से जाम कर रखा था लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नही था। मौलाना आमिर रशादी साहब ने गोपालगंज के डीएम से फोन पर बात की। उसके बाद डीएम ने स्थानीय बीडीओ को मौके पर भेजा और बीडीओ ने जनता की समस्याएं लिखित रूप में हासिल की।