किशनगंज, बिहार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के किशनगंज से सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी का शुक्रवार सुबह इंतकाल हो गया। मौलाना कासमी का इंताकल दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ। सीनियर मुस्लिम नेता मौलाना असरारुलहक कासमी 76 साल के थे। वो बिहार के जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष थे। इसके साथ ही वो कई संस्थाओं से जुड़े हए थे।
खबरों के मुताबिक गुरुवार की देर रात सांसद मौलाना कासमी एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। याहां ठंड लगने से उनकी तबीयत काफी खराब हो गयी। उन्हें तत्काल किशनगंज सर्किट हाउस में लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पैतृक गांव ताराबाड़ी में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक की रस्म अदा की जायेगी। मौलाना असरारुलहक कासमी के परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं। उनकी बेगम सलमा खातून का इंतकाल नौ जुलाई, 2012 को हो गया था।
बिहार में 2009 में कांग्रेस के लिए किशनगंज विधानसभा सीट जीतने के बाद 2014 लोकसभा चुनाव में मौलाना कासमी ने बीजेपी के खिलाफ जीत दर्ज की। मौलाना कासमी अकेले ऐसे उम्मीदवार थे जिंहोंने प्रदेश में सबसे अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिहार सेंटर को लाने में मौलाना कासमी का बहुत ही अहम योगदान था।
राष्ट्रपति समेत कई नेताओं ने जताया दुख
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मौलाना असरारुल हक साहब के निधन पर दुख प्रकट किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि किशनगंज से कांग्रेस पार्टी के लोकप्रिय सांसद, मौलाना असरारुल हक साहब के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुःख हुआ। मैं असरारुल हक साहब के परिजनों के प्रति अपनी गहरी शोक और संवेदना व्यक्त करता हूं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से कराने की घोषणा की है। नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा, “सांसद हक राजनीति में अपनी सुचिता और सरल हृदय के लिए जाने जाते थे। सामाजिक कार्यो में उनकी गहरी अभिरूचि थी और वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे।” उन्होंने कहा कि किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना में उनका अहम योगदान था।