सहारनपुर, यूपी
मुसलमानों के बीच लगातार इत्ताहाद की बात की रही है। कुछ लोग राजनीतिक इत्तेहाद की कोशिश में हैं तो कुछ लोग दीनी तौर पर कोशिश में हैं। इसी कोशिश में मुसलमानों के बीच इत्तेहाद की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण क़दम उठाते हुए बरेलवी आलिम मौलाना तौकीर रज़ा खान ने दारुल उलूम का दौरा किया है। मौलाना रज़ा ख़ान ने मदरसा दारुल उलूम देवबंद के आलिम मौलाना फज़लुर्रहमान के साथ बातचीत की।
मौलाना रज़ा ख़ान के दौरे के दौरान मौलाना अरशद मदनी जो विदेश दौरे पर हैं, उन्होंने वहीं से मौलाना रज़ा से फोन किया। मौलाना मदनी ने उनके इस कदम की मुबारकबाद दी। दूसरी तरफ मौलाना रज़ा ख़ान के इस कदम का सभी नि दिल खोल कर खौर मकदम किया है। लखनऊ में कही तंज़ीमों ने इसे मुस्लिम इत्तेहाद की कोशिश में मील का पत्थर बताया है।
मालूम हो कि मौलाना तौकीर रज़ा ख़ान बरेली के आला हज़रत अहमद रज़ा ख़ान के परपोते हैं। मौलाना रज़ा इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के अध्यक्ष हैं। मौलाना रज़ा में देवबंद में शाकिर अंसारी के परिवार से मुलाक़ात की जिसे दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वो दारुल उलूम गए। वहां उन्होंने कई मुद्दों पर देवबंद के आलिमों के साथ बातचीत की।
मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि हमें अपने दीनी फरायज़ के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए और अपने दुश्मन के साथ लड़ने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब यही एक तरीका है। उन्होंने कहा जब मैं 2010 में सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार हुआ था तो कई देवबंदी आलिमों ने मेरा साथ दिया था और मुझसे मिलने के लिए आये थे।
मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि सरकार मुसलमानों के बीच बंटवारा पैदा करने की कोशिश कर रही है। मौलाना तौकीर रज़ा का दारुल उलूम देवबंद की यात्रा को मुसलमानों के बीच एकता की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।