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22 Dec 2024, Sun

यूपी: AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष के ज़िले में ही आपसी टकराव

AIMIM AZAMGARH ROW 1 231217
  1. आज़मगढ़, यूपी

नगर निकाय चुनाव में प्रदेश में पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने वाली एमआईएम जैसे ही एक कदम आगे बढ़ाती है, वैसे ही पार्टी के अंदर नया विवाद पैदा हो जाता है। आज़मगढ़ से शुरु होकर प्रदेश के अन्य ज़िलों में पहुंचने वाली एमआईएम में एक बार अंदुरूनी कलह सामने आई है। इस बार मामला प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के अपने ज़िले आज़मगढ़ का है। यहां पार्टी की ज़िला यूनिट के नेताओं के बीच रार सामने आ रही है। इतना ही नहीं पार्टी से एक सीनियर नेता अपना इस्तीफा भी दिया है।

पार्टी उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
एमआईएम को प्रदेश में लाने वालों में शामिल पार्टी के सीनियर नेता और आज़मगढ़ ज़िला यूनिट के उपाध्यक्ष कलाम आज़मी ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कलाम आज़मी ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि वह पार्टी के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे हैं। अगर सूत्रों की माने तो इसकी वजह कुछ और बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि वह पार्टी के कुछ नेताओं से नाराज़ थे जो लगातार उनकी सार्वजनिक तौर पर आलोचना कर रहे थे। 2012 में जब आज़मगढ़ से पांच लोग पहली बार दिल्ली में असदुद्दीन ओवैसी से मिले थे और यूपी में पार्टी के बैनर तले काम करने की बात की थी उसमें एक कलाम आज़मी भी थे।

दरअसल कलाम आज़मी ने अपने फेसबुक एकाउंट से मौलाना आमिर रशादी की एक फोटो पोस्ट की है। उसके बाद एमआईएम के कई कार्यकर्ताओं और युवा नेताओं के उनकी फेकबुक पर जाकर कई तरह के आरोप लगा दिए है। दरअसल आज़मगढ़ में एमआईएम और उलेमा कौंसिल से जुड़े कार्यकर्ता इस समय एक जुड़े से जूझे पड़े हैं। दोनों तरफ से सोशल मीडिया पर अपशब्दों का इस्तेमल हो रहा है।

क्या है असल मामला
दरअसल पार्टी के नेता हामिद संजरी ने अपनी साली की संदेहास्पद मौत के मामले में ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज कराया है। इसी मुकदमे में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी का भी नाम दिया गया है। इसी के बाद पार्टी के ज़िलाध्यक्ष कलीम जामई की सोशल मीडिया की कुछ पोस्ट सामने आई थी जिनमें मौलाना रशादी को सबक सिखाने की बात लिखी थी। इसके बाद एमआईएम और उलेमा कौंसिल के समर्थकों में सोशल मीडिया पर खूब तू-तू- मैं-मैं हुई। बात यहीं तक नहीं रुकी बल्कि गाली-गलौज तक जा पहुंची।

एमआईएम ने किया किनारा
इस मामले पर बाद में एमआईएम के ज़िलाध्यक्ष कलीम जामई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ये कहा था कि मौलाना आमिर रशादी पर केस दो परिवारों की लड़ाई है। इसमें एमआईएम का कोई लोना-देना नहीं है। पर उनकी तरफ से या फिर पार्टी की तरफ कोई प्रेस रिलीज या ऑफिसियल बयान जारी नहीं किया गया।

आज़मगढ़ में एमआईएम की मौजूदा स्थिति
वैसे तो नगर निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है, पर आज़मगढ़ में माहुल नगर पंचायत में तीन सदस्यों की जीत को छोड़कर पार्टी को कोई और सफलता नही मिली। ये सच है कि पार्टी की शुरुआत आज़मगढ़ से हुई पर विधान सभा चुनाव में यहां एक भी सीट पर पार्टी ने अपना कैंडीडेट नहीं उतारा। सदस्यता लेवल पर भी पार्टी का कोई खास जनाधार नहीं है। वहीं पार्टी भले दावा करे लेकिन ज़िले में पार्टी अभी बूथ लेवल तक नहीं पहुंच पाई है।