भिवंडी, महाराष्ट्र
भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका में एक तरफ जहां कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज करते हुए वापसी की है, वहीं इस बार रिकार्ड 46 मुस्लिम नगर सेवक चुने गए हैं। इनमें से 42 तो सिर्फ कांग्रेस से जीत कर आएं हैं। मुस्लिम नगर सेवकों में एक बीजेपी से, एक शिवसेना से, एक सपा से और एक अन्य से जीत मिली है।
कांग्रेस ने इस बार सबको चौकाते हुए भिवंडी महानगर पालिका की 90 सीटों में से 47 सीट जीतकर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कांग्रेस ने नई रणनीति के साथ नए उम्मीदवारों पर भरोसा किया। वहीं बड़े लाव-लश्कर से और बड़ी ताकत से मैदान में उतरी बीजेपी को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की लगातार मेहनत, टिकट बंटवारे में सही लोगों का चुनाव की वजह से भिवंडी की जनता ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिया।
किसे कितनी सीट मिली
भिवंडी-निजामपुर महानगर पालिका चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत हुई और उसे 90 में से 47 सीट मिली। वहीं बीजेपी को 19, शिवसेना को 12, कोणार्क को 4 और आरपीआई को 4 सीट मिली है। जबकि इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, मनसे और एमआईएम का खाता भी नहीं खुला।
कांग्रेस की जीत के सूत्रधार
भिवंडी में कांग्रेस की जीत के सूत्रधार पार्टी के ज़िलाअध्यक्ष शोएब गुड्डू हैं, जिनके नेतृत्व में भिवंडी के सभी वरिष्ठ नेताओं और पार्टी पदाधिकारी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। उसका परिणाम ये निकला कि पहली बार भिवंडी में किसी एक दल का बिना किसी समर्थन के मेयर बनेगा। भिवंडी में कांग्रेस की जीत महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा जाएगा। ऐसा लोगों का मानना है, भिवंडी से जो संदेश कांग्रेस पार्टी को गया है, वह कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेगी। क्योंकि कुछ ही दिन कुछ ही महीने पहले मुंबई महानगरपालिका में कांग्रेस की बुरी हार हुई थी। भिवंडी में पार्टी का कोई बड़ा नेता ना तो सभा करने आया और ना ही कोई प्रचार करने आया। सिर्फ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अशोक राव चौहान की शहर में दो सभाएं हुई।
कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष की पीएनएम से बातचीत
जीत के बाद कांग्रेस के भिवंडी ज़िलाध्यक्ष शोएब गुड्डू ने पीएनएस से बातचीत में कहा कि भिवंडी की जनता ने जो भरोसा उन पर जताया है, हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। हमारा मुद्दा है भिवंडी शहर को साफ पानी देना, अच्छी सड़क बनवाना, साफ-सफाई और भिवंडी महानगर पालिका जो कर्ज में डूबी है उस कर्जे से उभारना है। जिन उम्मीदों से भिवंडी की जनता ने हमें चुना है हम उनकी उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। हम महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौहान के बहुत शुक्रगुजार हैं उन्होंने हमें मौका दिया और हम पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पूरी पार्टी के पदाधिकारी वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं उन्होंने मेरा समर्थन किया।
एमआईएम की लचर प्रर्दशन
बड़े ही जोश से एमआईएम ने राजनीति की शुरुआत भिवंडी से की थी। विधान सभा इलेक्शन में उसके उम्मीदवार ने अच्छे वोट भी लिए थे लेकिन संगठन ना होने के कारण एमआईएम सिर्फ 9 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसमें भी उसका खाता नहीं खुल सका।
अन्य का हाल
इस चुनाव की खास बात यह रही कि समाजवादी पार्टी 2 सीट पर सिमट गई। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी अपना खाता नहीं खोल सकी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नगरसेवक खुद चुनाव हार गए। मराठी राजनीति करने वाले राज ठाकरे की पार्टी भी भिवंडी में खाता नहीं खोल पाई।
मिनी इंडिया है भिवंडी
अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र भिवंडी महानगर पालिका जिसे मिनी इंडिया कहा जाता है। यहां पर पूरे देश से लोग आकर नौकरी और मजदूरी करते हैं। ये शहर पावर लूम शहर के नाम से भी जाना जाता है। अब तक के इतिहास में यहां कभी भी किसी पार्टी को इतना पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। यहां यूपी और बिहार के लोग ज़्यादा तादाद में रहते हैं।