पटना, बिहार
भागलपुर में फैली हिंसा के मामले में मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अर्जित शाश्वत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में अर्जित शाश्वत को पटना से भागलपुर लाया गया था।
स्थानीय कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मेरे बेटे अर्जित शाश्वत के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने झूठी एफआईआर दर्ज करवाई है। जब उसकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज हो गई तो शाश्वत ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सरेंडर कर दिया।
अर्जित शाश्वत के पुलिस हिरासत में लेने से पहले खूब ड्रामा हुआ। पुलिस का दावा है कि उसे गिरफ्तार किया गया है जबकि शाश्वत का कहना है कि उसने सरेंडर किया है। शनिवार देर रात शाश्वत दर्जनों समर्थकों के साथ शास्त्रीनगर के हनुमान मंदिर पहुंचे थे। यहां एडिशनल एसपी राकेश दुबे की अगुवाई में स्पेशल ब्रांच की टीम ने उन्हें हिरासत में लिया।
मालूम हो कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत की भागलपुर कोर्ट में सुनवाई के बाद एडीजे चतुर्थ कुमुद रंजन सिंह ने अग्रिम ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था। शाश्वत के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद वह फरार चल रहा था।
अर्जित शाश्वत चौबे भागलपुर के नाथनगर उपद्रव मामले का नामजद आरोपी हैं। इस मामले में अर्जित शाश्वत चौबे, अभय कुमार घोष, प्रमोद वर्मा पम्मी, देव कुमार पांडेय, सुरेंद्र पाठक, अनुप लाल साह, संजय भट्ट, प्रणव साह उर्फ प्रणव दास के खिलाफ न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।