लखनऊ, यूपी
हमेशा विवादों में रहने वाली बाराबंकी से बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत इस बार मुश्किल में हैं। उनकी इस मुश्किल की वजह कोई और नही है बल्कि उनकी अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक हैं। पार्टी के इस वरिष्ठ नेता ने सांसद के खिलाफ न सिर्फ मोर्चा खोला है बल्कि उनकी शिकायत पार्टी के सीनियर नेताओं से की है।
हैदरगढ़ से बीजेपी के पूर्व विधायक सुंदरलाल दीक्षित को एक बड़ा जनाधार वाला नेता माना जाता है। साथ ही वे केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के भी करीबी हैं। पूर्व विधायक दीक्षित ने अपने पत्र में सांसद प्रियंका पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से कार्यवाई की मांग की है। सांसद द्वारा उच्च जाति के अधिकारी के साथ कठोर व्यवहार का ज़िक्र करते हुए कहा कि सांसद का व्यवहार तो निन्दनीय है ही साथ ही साथ उनकी कार्यशैली से पार्टी की साख गिरती जा रही है।
सुंदरलाल दीक्षित का यह विरोध सांसद को काफी महंगा पड़ सकता है। दरअसल जनपद में उनसे बड़ा जनाधार वाला नेता शायद ही कोई हो। दीक्षित ने सांसद को तानाशाह बताते हुए सीएम नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय से सांसद पर कार्यवाई की मांग की है।
सुंदरलाल दीक्षित ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को याद दिलाया है कि कैसे सांसद ने अपने ही पिता को अपना प्रतिनिधि बनाकर उनके आदेशों की अवहेलना की थी। तब प्रधानमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद सांसद ने अपने फैसले को बदला था। उन्होंने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि कैसे सांसद ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट सांसद आदर्श ग्राम योजना का मज़ाक बना कर गांव गोद लेने के बाद दोबारा उस तरफ मुड़कर नही देखा। प्रधानमंत्री को इस बात से भी अवगत कराया कि सांसद ने हाल ही में 20,000 स्क्वायर फिट में अपना आलीशान मकान का निर्माण कराया है जो उनकी आय से कई गुना ज्यादा है। इस मकान की वजह से भी सांसद पार्टी की साख को बट्टा लगा रही हैं।