नई दिल्ली
सीबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए 67 करोड़ रुपये के ऋण से जुड़े कथित आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के सिलसिले में महाराष्ट्र के बीजेपी नेता मोहित कंबोज तथा चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में पूर्ववर्ती अव्यान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड और केबीजे होटल्स गोवा प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी प्राथमिकी में दर्ज किया है।
एक अखबार की खबर के मुताबिक सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला साल 2013 से 2018 के बीच स्वर्ण आभूषण निर्यातक कंपनी अव्यान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (अब बाग्ला ओवरसीज) द्वारा किए गए धोखाधड़ी के लेनदेन से संबंधित हैं। कंबोज कंपनी के प्रबंध निदेशक थे और उन्होंने बैंक को निजी गांरटी भी दी थी। साल 2015 में उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने कंबोज समेत आरोपियों के मुंबई स्थित पांच ठिकानों पर तलाशी ली, जिनमें आवास और दफ्तर शामिल हैं।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, कंबोज का नाम जितेंद्र गुलशन कपूर, नरेश मदनजी कपूर (अब दिवंगत), सिद्धांत बागला और इर्तेश मिश्रा के साथ संदिग्धों और आरोपियों में शामिल है।
बैंक का आरोप है कि कंबोज हाथ से बने सोने के आभूषणों के निर्माण और इनके दुबई, सिंगापुर, हांगकांग तथा अन्य देशों में निर्यात में लगी अव्यान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड में गारंटर और प्रबंध निदेशक थे। साल 2015 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुंबई इकाई के महासचिव कंबोज ने फोन पर कहा कि कंपनी ने बैंक के साथ 2018 में एकमुश्त अदायगी के लिए करार किया था और उसके तहत बैंक को 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। उन्होंने कहा, ‘कंपनी से भुगतान मिलने और हमें ‘अदेयता (नो ड्यूज) प्रमाण-पत्र’ देने के ढाई साल बाद बैंक ने मामला दर्ज किया है. इसमें कोई एजेंडा है. यह निजी दुश्मनी का मामला भी हो सकता है. मैं सीबीआई की जांच में सहयोग करूंगा.’
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी ने बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेजों को वास्तविक दर्शाना) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।