नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार अल्पसंख्यकों और दूसरे वंचित समूहों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार इनके लिए पूरी शिद्दत से काम कर रही है। इन वर्गों को समान रूप से विकसित किए जाने की जरूरत है। सरकार एकरुपता लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ये बातें केंद्रीय वित्त, कंपनी मामले और सूचना तथा प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कही।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ‘अल्पसंख्यकों की आर्थिक अधिकारिता’ विषय पर एनसीएम के 8वें वार्षिक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। जेटली ने कहा कि उच्चतर विकास दरें सबको प्रभावित करती हैं, लेकिन ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां कुछ अल्पसंख्यक पिछड़े हुए हैं। और उन क्षेत्रों पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 1991 के बाद समाज के वंचित वर्गों की स्थिति में 1991 से पहले की अवधि की तुलना में तेजी से सुधार आया, लेकिन यह सुधार एकरूप नहीं था। उन्होंने कहा कि शिक्षा उनकी स्थिति को तेजी से बेहतर बनाने की कुंजी है और एकरूपता तथा कौशलों का अवसरों में रुपांतरण इसे अर्जित करने के अन्य माध्यम हैं।
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि योजनाओं का कारगर क्रियान्वयन और विकास में एकरूपता सुनिश्चित करना ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दो मार्गदर्शी सिद्धांत हैं। डॉ हेपतुल्लाह ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलो का मंत्रालय जमीनी स्तर पर अंतर लाने के लिए 6 अधिसूचित अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं के क्रिेयान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि विकास में छोटी-छोटी खामियों को दूर करने के लिए मंत्रालय शिक्षा, कौशल विकास एवं अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के सामाजिक अलगाव की भावना को हटाने की जरूरत है। वित्त मंत्री और पीएम मोदी द्वारा उनके मंत्रालय की योजनाओं को मिल रहे समर्थन की सराहना करते हुए डॉ. नजमा ने कहा कि इस सरकार के दौरान शुरू की गई नई मंजिल और हमारी धरोहर योजनाओं को काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही है और इन्होंने परिणाम देना भी प्रारंभ कर दिया है।
इस मौके पर अल्पसंख्यक मंत्रालय में राज्य मंत्र मुख्तार अब्बास नकवी, मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।