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23 Dec 2024, Mon

बाबरी शहादत: आडवाणी, जोशी, उमा के खिलाफ सबूत: सुप्रीम कोर्ट

लखनऊ, यूपी

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के केस में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, और उमा भारती समेत बीजेपी के 6 नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप तय कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन सभी पर आपराधिक साजिश के आरोप तय करने के लिए काफी सबूत हैं। इससे पहले कोर्ट ने इस केस के 12 आरोपियों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर बेल दे दी। इसके बाद उन्हें बरी करने के लिए अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

बता दें कि 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर ये फैसला सुनाया था। दोनों केस को दो साल के अंदर खत्म करने को कहा था।

क्या है पूरा मामला
6 दिसंबर, 1992 में बाबरी मस्जिद शहादत केस में दो मामले दर्ज हुए थे। एक मामला कार सेवकों के खिलाफ ढांचा गिराने के आरोप में दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई लखनऊ में हुई थी। दूसरा मामला मंच पर मौजूद लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ था। इन पर ढांचा ढहाने की साजिश रचने का आरोप था। इसकी सुनवाई रायबरेली कोर्ट में हुई थी।

ऐसे SC पहुंचा मामला
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मई 2001 में आडवाणी, जोशी, उमा, बाल ठाकरे और अन्य को टेक्निकल ग्राउंड का हवाला देते हुए आरोपों से बरी कर दिया था। सीबीआई इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची, लेकिन उसने भी इस फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के 13 नेताओं पर साजिश का केस चलाने का आदेश दिया था।

SC ने कहा था आपराधिक साजिश का केस चलेगा
19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर ये फैसला सुनाया था। कोर्ट ने ये भी कहा था, “इस मामले में चल रहे दो अलग-अलग मामलों को एक कर दिया जाए और रायबरेली में चल रहे मामले की सुनवाई भी लखनऊ में की जाए। ये भी तय किया जाए कि सुनवाई दो साल में खत्म हो।”

इन लोगों पर चलेगा केस
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, महंत धरम दास और सतीश प्रधान। कल्याण सिंह फिलहाल राजस्थान के गवर्नर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पद पर रहने की वजह से इस मामले से उन्हें दूर रखा है। इनके अलावा बाल ठाकरे, गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस राम चंद्र और मोरेश्वर सावे के नाम भी हैं। इन सभी लोगों का निधन हो चुका है।

हमारे नेता बेकसूर: वेंकैया
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह लीगल प्रॉसेस है। इसे होने दीजिए। हमारे नेता बेकसूर हैं। वे इस केस से पूरी तरह बरी हो जाएंगे। मैं इस पर कोई कमेंट्स नहीं करना चाहता हूं।