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23 Nov 2024, Sat

रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पेरोल दिए जाने की चर्चा पर हरियाणा की राजनीति अचानक गर्म हो गई है। हरियाणा में इस साल के आखिर में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। गुरमीत राम रहीम के असर को देखते हुए इस फैसले से बीजेपी को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

राम रहीम ने 42 दिन की पेरोल मांगी है। उसने अपने आवेदन में कहा है कि वो खेती करना चाहता है। राम रहीम फिलहाल सिरसा जेल में बंद है।

पीटीआई के मुताबिक प्रशासन ने पेरोल आवेदन पर सिरसा जिला प्रशासन को रोहतक कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपने को कहा था। सिरसा पुलिस ने अच्छे व्यवहार का हवाला देकर राम रहीम को पेरोल देने की सिफारिश कर दी है। जेल सुपरिण्टेंडेट ने लिखा है कि राम रहीम का व्यवहार अच्छा है और उसने जेल का कोई नियम नहीं तोड़ा है।

सिरसा के पुलिस अधीक्षक डॉ अरुण सिंह ने पीटीआई से सोमवार को कहा कि उन्होंने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं भेजी है। उनके मुताबिक पेरोल देने से पहले कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होगी।

इस बीच, हरियाणा के जेल मंत्री केएल पंवार ने एएनआई से बातचीत में पेरोल का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘एक साल की सजा काटने के बाद हर कैदी को पेरोल मांगने का अधिकार है। उसने इसके लिए आवेदन दिया जिसे हमने सिरसा जिला प्रशासन को भेज दिया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।’

उन्होंने पेरोल के समय को चुनाव से जोड़ने को भी गलत बताया। जेल मंत्री ने कहा, ‘इसे चुनाव से मत जोड़िए। अगर हमारा ऐसा इरादा होता तो उसे (राम रहीम) को लोक सभा चुनाव से पहले ही रिलीज कर दिया जाता। सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।’

हरियाणा के जेल मंत्री जो कहें, लेकिन राम रहीम को पेरोल देने की टाइमिंग पर सवाल उठना लाजिमी है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में विधान सभा चुनाव होने हैं। लोक सभा चुनाव में सभी 10 सीटें जीतने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी को लगता है कि वो इस बार भी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा लौट सकती है।

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हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा के लाखों अनुयायी हैं

लेकिन हरियाणा और पंजाब की राजनीति में डेरों के असर को कोई भी राजनीतिक दल कम करके आंकने की हिमाकत नहीं कर सकता है। राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा को हरियाणा-पंजाब के बड़े डेरों में एक माना जाता है। स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के कारण इस डेरे के पास लाखों अनुयायी हैं।

हरियाणा के कई जिलों में डेरा सच्चा सौदा का खासा असर है खासकर दलितों में। राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है।

माना जाता है कि इसके अनुयायी एक ब्लॉक के रूप में वोट करते हैं। हर चुनाव से पहले डेरा की राजनीतिक समिति अपने अनुयायियों से ये राय लेती है कि इस बार किस पार्टी को वोट करना है। एक अनुमान के मुताबिक हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा के करीब 50 लाख अनुयायी हैं।

By #AARECH