आज़मगढ़, यूपी
यूपी में भले ही सीएम योगी और उनकी पार्टी बीजेपी कानून व्यवस्था का ठीक करने का दावा कर रही हो लेकिन खुद बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता कानून के आपने हाथ में लेने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। ताज़ा मामला आज़मगढ़ ज़िले के माहुल कस्बे का है जहां एक स्कूल की पिकअप वैन के ड्राइवर को सिर्फ इसलिए बीजेपी विधायक के गुर्गों में पीटा कि वह मुस्लिम था और दाढ़ी रखे हुए था। यहीं नहीं बीजेपी विधायक ने बीच-बचाव करने आए लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर भी दे दी। इसकी वजह से पूरे कस्बे में माहौल तनावपूर्ण हो गया।
क्या है मामला
माहुल कस्बे में कार्तिक पूर्णिमा के मेला लगा हुआ है। इसी मेले से लौट रही एक लड़की को स्कूल पिकअप के मामूली टक्कर लग गई। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करके मामले को शांत कराया। इसी बीच बीजेपी विधायक के गुर्गों को ये बात पता चली की ड्राइवर मुस्लिम है तो वो उसे पकड़ कर मारने लगे। स्थानीय लोग जब तक ड्राइवर को हमलावरों से बचाते तब तक उसे गंभीर छोटें आ चुकी थी। लोगों की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
विरोध में लोग सड़क पर उतरे
जब ये बात स्थानीय लोगों को पता चली तो लोग विरोध में सड़क पर उतर आए। इस बीच स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला और लोगों को आश्वासन दिया की हमलवार गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस लोगों के लेकर थाने पहुंची। और कार्रवाई में जुट गई।
बीजेपी विधायक थाने पहुंचे
स्थानीय फूलपुर के बीजेपी विधायक अरुण यादव को जब ये खबर लगी कि उनके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर लिखी जा रही है तो वह सीधे थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने लगे। इतने में विधायक के साथ आए एक युवक ने उनके इशारे पर पीड़ित की तहरीर फाड़ दी। विधायक अरुण यादव एफआईआर न लिखने पर अड़ गए।
कौन है मुख्य आरोपी
इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी आशू जायसवाल है जो कि विधायक का गुर्गा है। आशू जायसवाल के ऊपर पहले से कई मुकदमें चल रहे हैं। वह विधायक का खास है और हम मामले को सांप्रदायिक रुख देने के लिए विख्यात है। इससे पहले भी वह ऐसे ही एक मामले में जेल की हवा खा चुका है।
पुलिस की कार्रवाई
लड़की के एक्सीडेंट के मामले में और ड्राइवर पर हमले के मामले पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घायल ड्राइवर अस्पताल में भर्ती है। स्थानीय बाज़ार में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। सवाल ये है कि एक तरफ बीजेपी आलाकमान दावा करता है कि कानून व्यवस्था के मामले में सांसद और विधायक थाने नहीं जाएंगे वहीं दूसरी तरफ फूलपुर विधायक अरुण यादव अपनी ही पार्टी के दावे को हवा-हवाई करते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी ये सवाल ज़रूर कौंध रहा है।