आज़मगढ़, यूपी
ज़िले के फूलपुर माहुल मार्ग पर मदरसा जामिया शरकिया इस्लामिया के सामने बना पुल पूरी तरह से क्षत्रिग्रस्त हो गया है। पांच साल से इस टूटे हुए पुल की ना तो मरम्मत हुई और ना ही दोबारा बनाने का काम शुरु हुआ है। इस बार की भारी बारिश में ये पुल पूरी तरह से टूट गया है। यहां से लोग फिर भी गुज़र रहे हैं जिसे कोई बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है। वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रशासन पूरी तरह आंख बंद किए गए हुए हैं।
दरअसल बरसात की वजह से फूलपुर माहुल मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। यहां के सैकड़ों गांव के लोगों का आवागमन बाधित है, पूरी मार्ग बंद है जान जोखिम में डालकर दो पहिया वाहन किसी तरह लोग निकल पा रहे हैं। इससे लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस मार्ग से माहुल, अहिरोला, बुढ़नपुर, पवई कलां, बेलवाई, मालीपुर, अम्बेडकर नगर सहित बॉर्डर जिलों के गाव के लोग आते जाते है। यहां लोगों ने कई बार स्थानीय विधायक और सांसद से मिलकर इस मामले को उठाया पर उनकी तरफ से सिर्फ आश्वासन मिला। वहीं आज़मगढ़ ज़िला प्रसासन भी आंखें बंद करके किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है।
परेशान लोग अधिकारियों के यहां लगा रहे हैं चक्कर
माहुल के पूर्व प्रधान लियाकत अली, माहुल नगर पंचायत के चेयरमैन बदरे आलम के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग एसडीएम फूलपुर से मुलाकात करके इससे अवगत कराया और ज्ञापन दिया। एसडीएम ने लोगों को आश्वासन दिया कि विभाग से बात करके जल्द से जल्द पुल की मरम्मत कराई जाएगी और आने जाने का मार्ग शुरू कराया जाएगा।
स्थानीय लोग कराई मरम्मत
टूटे हुए पुल के बगल कुछ समाजसेवी लोगों ने साइफन, गिट्टी, डीजे मिक्सिंग डालकर बगल से ही वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। इससे गांव के लोग, दोपहिया और चार पहिया वाहन आने जाने लगे थे, बारिश की वजह से वह व्यवस्था बह गई और मार्ग पूरी तरह बंद हो गया।
सो रहे हैं जनप्रतिनिधि
फूलपुर विधान सभा क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्र में बीजेपी के अरुणकांत यादव विधायक हैं। विधायक को स्थानीय लोगों द्वारा सूचना दी गई, उसके बावजूद विधायक की सरकार होते हुए भी उन्होंने अनसुना कर दिया है। लोगों के दुख और तकलीफ को नजरअंदाज करते हुए विधायक जी सिर्फ कोरा आश्वासन दे रहे हैं। मालूम हो कि उनके पिता रमाकांत यादव यही आजमगढ़ से 10 साल लगातार सांसद रहे हैं। मौजूदा सांसद बीजेपी की नीलम सोनकर हैं, स्थानीय लोग उनके पास भी गए लेकिन उन्होंने सरकार होते हुए भी कोई मदद नहीं की।