लखनऊ/जौनपुर, यूपी
शैक्षिक रूप से कभी अपना नाम दुनिया के नक्शे पर लाने वाले जौनपुर के युवा राजनीति में नई इबारत लिख रहे हैं। पहले यहां मुस्लिमों को राजनीति करने के लिए ज़िले के खास नेताओं के यहां चक्कर लगाना पड़ता था। पिछले दो दशक की राजनीति को देखें तो यहां एक दो नेताओं को छोड़ दें तो ज़िले की राजनीति एक विशेष जाति के इर्द गिर्द ही धूमती रही है। हालांकि बीजेपी में नई नेताओं की खेफ आती रही है लेकिन बाकि के दलों में कुछ विशेष नेताओं तक ही कमान सीमित रही है।
परंपरा तोड़ने की कड़ी आगे बढ़ाते हुए अब आज़म खान को उनकी मेहनत की वजह से समाजवादी अल्पसंख्यक सभा का उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी बनाया गया है। एडवोकेट आज़म खान जौनपुर ज़िले के गभिरन गांव के रहने वाले हैं। वह लगातार अपने क्षेत्र में बने रहते हैं और हर तबके के साथ संपर्क रखते हैं। पिछले विधान सभा चुनाव में वो जौनपुर सदर से समाजवादी पार्टी के दावेदार थे लेकिन बाद में सपा का कांग्रेस से गठबंधन हो गया और समझौते के बाद इस सीट पर उस समय के मौजूदा विधायक नदीम जावेद चुनाव लड़े थे।
आज़म खान समाजवादी पार्टी में कई वर्षों से सक्रिय है। अभी हाल में सपा अल्पसंख्यक सभा के सम्मेलन में उन्हें मीडिया प्रभारी के साथ उपाध्यक्ष पद की भी ज़िम्मेदारी सौंपी गई। सपा अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी रियाज़ अहमद उनके कामकाज़ से काफी खुश हैं। हाज़ी रियाज़ ने पीएनएस को बताया कि सपा अल्पसंख्यक सभा लोक सभा चुनाव 2019 में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
टूट रही है परंपरा
वैसे तो जौनपुर से कई मुस्लिम चेहरे विधान सभा में पहुंचने में कामयाब रहे हैं लेकिन ये नेता अपनी छवि बदलने में कामयाब नहीं हो पाएं हैं। हालांकि छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरु करने वाले नदीम जावेद ने परंपरा को तोड़कर खुली राजनीति की। शायद यही वजह रही है कि वो विधान सभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। अब कांग्रेस ने उन्हें अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। ज़िले में कई और ऐसे चेहरे हैं जो स्थानीय नेताओं के चक्कर से बाहर निकल कर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ नेताओं की कामयाबी के बाद ऐसा लगता है कि अब यहां युवाओं को बंधक बनाकर राजनीति करने वाले नेताओं के दिन लदने वाले हैं।