लखनऊ, यूपी
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव ज्यों-ज्यों करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता मुस्लिम मतों पर अपना अधिकार जताने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। ये बातें उप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन मारूफ खान ने जारी एक बयान में कहीं।
मारूफ खांन ने कहा कि विधान सभा में जिस प्रकार से प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मो आजम खां ने मुस्लिमों को आरक्षण दिये जाने के सम्बन्ध में पूछे गये सवाल पर उनका यह कहना कि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों को आरक्षण देने का कोई वायदा नहीं किया था, यह पूरी तरह झूठ और निन्दनीय है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव मारूफ खान ने कहा कि समाजवादी पार्टी के 2012 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में पेज नम्बर 12-13 पर ‘‘अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण कालम’’ में बिन्दु 2 पर कहा है कि ‘‘मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए सच्चर कमेटी की सिफारिशों की रोशनी में सभी मुसलमानों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से अत्यधिक पिछड़ा मानते हुए दलितों की तरह जनसंख्या के आधार पर अलग से आरक्षण दिया जायेगा।’’ सदन के अन्दर जिस प्रकार कैबिनेट मंत्री आजम खां ने सरासर झूठा बयान दिया है, यह आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है इसके लिए इन पर संविधान के तहत कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।
मारूफ खान ने कहा कि जहां एक ओरं समाजवादी पार्टी अपने शासनकाल के साढ़े चार साल के कार्यकाल में मुसलमानों से किये गये किसी वादों पर खरी नहीं उतरी। दूसरी तरफ आज़मगढ़ की रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा मुस्लिमों के प्रति दिखाई गयी हमदर्दी केवल एक धोखा है। तीन बार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली बीएसपी ने 2007 से 2012 तक उप्र सरकार में पूर्ण बहुमत में रहने के बावजूद मुस्लिमों के हितों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मारूफ खान ने कहा कि उप्र में मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखने वाली सपा और बीएसपी चुनाव आते-आते केवल धार्मिक और साम्प्रदायिक और संवेदनशील मुद्दों को उठाकर एक बार फिर मुस्लिम वोटरों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।