नदीम अहमद
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ।
प्रदेश सरकार ने यूनानी औषधि निर्माणशाला के निर्माण के लिए एक करोड़ अठ्ठारह लाख की धनराशि स्वीकृत की है। यूनानी औषधि प्रयोगशाला बनने से फार्मेसी में बनने वाली औषधियों का समय-समय पर परीक्षण हो सकेगा। इस प्रयोगशाला को एक साल में बनाने के लिए निर्माणाधीन संस्था से एमओयू हुआ है। प्रयोगशाला क्रियाशील होने के बाद उसमें अत्याधुनिक जाँच मशीनें एवं मानव संसाधनों में वृद्धि की जायेगी। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक विशेष उपलब्धि है। ये बातें प्रदेश के आयुष, अभाव सहायता एवं पुनर्वास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धर्म सिंह सैनी ने कहीं।
डॉ धर्म सिंह सैनी ने आज गुरुवार को राजधानी लखनऊ में राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला, के प्रागंण में यूनानी औषधि प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। इस मौके पर मंत्री धर्म सिंह ने आयुष पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की द्वैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया। इस पुस्तक का उद्देश्य आयुष विधाओं की खूबियों को जन-जन तक पहुँचाना है।
आयुष राज्य मंत्री ने कहा कि देश में ही नहीं वरन् विदेशों में भी भारत की प्राचीन विधा को अपनाने के लिए पश्चिमी जगत के लोग भी तैयार हैं। दक्षिण भारत में केरल जैसे राज्य में पंचकर्म विधा से इलाज के लिए देश-विदेश के लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय आयुष विधा का है जिससे आयुष डॉक्टरों की माँग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि हम शुरूआत में ही स्वास्थ्य का ध्यान रखें तो अनेक बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है और लोग आयुष की पुरातन पद्धति को अपनाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि आज हमारी डिस्पेन्सिरियों में दवाओं की समुचित उपलब्धता के कारण काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं। आयुष पद्धति की महत्ता के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि आयुष के पास हर बीमारी का इलाज आसानी से सम्भव है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं वाराणसी में भी औषधि निर्माणशाला खोली जायेगी।
राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के अधीक्षक, डॉ प्रकाश चन्द्रा ने बताया कि दवाओं के आधुनिकीकरण के लिए प्रदेश में पहली बार यूनानी औषधि प्रयोगशाला भवन बनाया जा रहा है। अभी तक आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि प्रयोगशाला एक ही भवन में क्रियाशील है, जिससे कि दवाओं की जाँच में समय लगता है। ऐसे में नई यूनानी प्रयोगशाला भवन बनने से दवाओं की गुणवत्ता को कम समय में परखा जा सकता है। निर्माणशाला में 130 आयुर्वेदिक दवायें तथा यूनानी की 85 प्रकार की दवायें बनती हैं। प्रदेश में यूनानी के दो राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय एवं 254 राजकीय यूनानी चिकित्सालय हैं।
इस मौके पर आयुष मिशन के निदेशक एवं विशेष सचिव, आयुष विभाग, आरएन बाजपेई, विशेष सचिव, यतीन्द्र मोहन तथा सोबरन सिंह, आयुष सोसाइटी के वरिष्ठ परामर्शदाता, मणि प्रसाद मिश्र, आयुर्वेद निदेशक डॉ एसएन सिंह, यूनानी निदेशक, मोहम्मद सिकन्दर हयात सिद्दकी, होम्योपैथी निदेशक, डॉ वीके विमल समेत विभाग के कई चिकित्साधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही नुडवा के अध्यक्ष डॉ अब्दुल मोईद, बीयूएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ नियाज़ अहमद, कई लोग मौजूद रहे।