अयोध्या में राम जन्मभूमि-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक चल रही है। इस बैठक में मुस्लिम मौलवी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता मौजूद हैं। माना जा रहा है कि अयोध्या पर फैसले के आलोक में शांति-व्यवस्था बना रखने और भाईचारा कायम करने के उद्देश्य से दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हो रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बैठक की तस्वीरें जारी की है, जिसमें देखा जा सकता है कि संघ नेताओं और मुस्लिम मौलवियों के साथ-साथ बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी मौजूद हैं। यह बैठक अयोध्या फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर हो रही है।
Delhi: Meeting underway at Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi's residence ahead of Ayodhya verdict. Muslim clerics and Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) leaders present. pic.twitter.com/uDkzdVoqMg
— ANI (@ANI) November 5, 2019
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले भाजपा ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मामले में भावनात्मक और भड़काऊ बयान देने से बचने को कहा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कुछ दिन पहले अपने प्रचारकों को इसी तरह का परामर्श जारी किया था।
ठीक इसी तरह राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर उच्चतम न्यायालय के संभावित निर्णय से कुछ दिनों पहले शनिवार को देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों, उलेमा और बुद्धिजीवियों की बैठक हुई जिसमें सभी पक्षों से अदालती फैसले को स्वीकार करने और शांति बनाए रखने की अपील की गई।
कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि समूह ‘ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत की ओर से बुलाई गई इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, मुशावरत के प्रमुख नावेद हामिद, ‘मरकजी जमीयत अहले हदीश हिंद के प्रमुख मौलाना असगर अली इमाम सलफी, ऑल इंडिया उलेमा एंड मशायख बोर्ड के प्रमुख मौलाना अशरफ किछौछवी, पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी तथा कई अन्य मौलाना एवं मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी शामिल हुए।
इतना ही नहीं, अयोध्या भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले स्थानीय प्रशासन ने फैसले पर ‘विजय या ‘शोक मनाने के लिए कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी है। जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर देवताओं का ‘अपमान करने या कोई मूर्ति स्थापित करने और राम जन्मभूमि के संबंध में जुलूस निकालने पर रोक का आदेश दिया। उन्होंने फैसले से पहले शांति बाधित होने की आशंका जताते हुए 12 अक्टूबर को जारी निषेधाज्ञा को 28 दिसंबर तक बढ़ा दिया।