लखनऊ, यूपी
प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी एमआईएम को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता रहे सैयद आसिम वकार ने पार्टी छोड़ कर एमआईएम ज्वाइन कर ली। तीसरे चरण के मतदान से पहले आसिम वकार के फैसले से सपा को तगड़ा झटका लगा है। लगातार मुस्लिम नेताओं के पार्टी से मोहभंग होने से सपा को चुनाव में भारी नुकसान हो सकता है।
सैयद आसिम वकार एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सामने एमआईएम में शामिल हुए। खुद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया के सामने इसका एलान किया। सैयद आसिम वकार को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली, महासचिव सैयद रफत रिज़वी, प्रदेस प्रवक्ता आदिल अल्दी समेत कई नेता मौजूद रहे।
एमआईएम में शामिल होने के बाद पीएनएस के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव पिछले तीन साल से अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिम विरोध रवैया अपना रखा था। वो मुसलमानों की बात नहीं कर रहे थे और न ही उनके लिए कोई काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव शॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे हैं और हो सकता है कि वह जल्द ही हार्ड हिंदुत्व का रास्ता अपना लें।
समाजवादी पार्टी में विवाद से पहले सैयद आसिम वकार पार्टी के प्रवक्ता थे। वो न्यूज चैनल पर पार्टी का बखूबी बचाव करते थे। वो पार्टी के किसी भी गुटबाज़ी से दूर थे। अखिलेश यादव के सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा की वजह से उन्होंने सपा को अलविदा कह दिया।