नई दिल्ली
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में मौत का आंकड़ा 30 के पार पहुंच चुका है। शनिवार 23 फ़रवरी की रात से भड़की हिंसा भले ही अब थमती लग रही है लेकिन इलाके में तनाव अब भी है। बीते चार दिनों में कइयों के घर बर्बाद हो चुके हैं।
मरने वालों में हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। मरने वालों में ज्यादातर की उम्र तीस के आस-पास ही है। ज़्यादातर अपने घर के अकेले कमाने वाले थे, शादीशुदा थे और छोटे-छोटे बच्चों के पिता भी।
कुछ ने दो दिन पहले ही शादी की सालगिरह मनाई थी तो एक शख़्स ऐसा भी था जो अगले दिन अपना जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहा था। इन्हीं पीड़ित परिवारों में एक परिवार उस शख़्स का भी है जिसकी महज़ दस दिन पहले ही शादी हुई थी।
अशफ़ाक़ हुसैन का निकाह हुए अभी 10-12 दिन हुए थे, लेकिन इन दंगों में नौजवान की जान चली गई। रिश्तेदारों का दावा है कि उन्हें सीने में पाँच गोली मारी गई। अशफ़ाक़ की रिश्तेदार हाजरा बताती हैं कि वो सामने खड़ा था और दंगाइयों ने उसके सीने में गोलियां उतार दीं।
हाजरा कहती हैं, “उन लोगों ने मेरे बेटे के सीने में पाँच गोलियां मारीं। उसने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसे इस तरह मार डाला। उसके जाने के बाद अब हमारे लिए सिर्फ़ मुसीबतें ही हैं। हम अपने बच्चों को पाल-पोसकर बड़ा करते हैं और वो आकर ज़रा सी देर में हमारे बच्चों को मार डालते हैं। क्या उन्हें रहम नहीं आता।”
अशफ़ाक़ की शादी इसी साल 14 फ़रवरी को ही हुई थी। हाजरा रोते हुए कहती हैं, “आप ही बताइए उसकी 11 दिन की बीवी क्या करेगी अब…कहां जाएगी वो।” अशफ़ाक़ के रिश्तेदारों का दावा है कि उनके सीने में पाँच गोलियां मारी गईं और तलवार से उनकी गर्दन पर भी वार किया गया।
अशफ़ाक़ के रिश्तेदारों का कहना है कि वो उस दिन काम पर गया था। और जिस वक़्त ये हादसा हुआ वो काम से वापस लौट रहा था।
इस दौरान दिल्ली हिंसा मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को पार्टी बनाते हुए शपथपत्र दायर करने के लिए कहा है। दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि अभी किसी के भी ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण देने के लिए एफ़आईआर दर्ज न करने का फ़ैसला जानबूझकर लिया गया है क्योंकि एफ़आईआर करने से दिल्ली में शांति वापस लाने में मदद नहीं मिलेगी।
दिल्ली पुलिस ने चीफ़ जस्टिस डी।एन। पटेल और जस्टिस हरि शंकर की बेंच से कहा कि उसने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर 48 एफ़आईआर दर्ज की हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा है कि अब तक हिंसा के कारण मरने वालों की कुल संख्या 32 पहुंच चुकी है। बीते चार दिनों से दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में जारी है जिस दौरान सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी अस्पताल) में 30 मौतें हुई हैं जबकि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी अस्पताल) में दो मौतें हुई हैं। बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने हिंसाग्रस्त इलाक़ों का दौरा किया और लोगों से मुलाक़ात की थी।