PNS EXCLUSIVE
नई दिल्ली
एमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की नज़र अब यूपी पर टिक गई हैं। असदुद्दीन ओवैसी यूपी में रैली करने की कई बार कोशिश की लेकिन राज्य की अखिलेश सरकार ने उन्हें इज़ाजत नहीं दी है। ऐसे में ओवैसी ने नया रास्ता निकाला। आज दिल्ली में यूपी के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक मीटिंग हुई। इसमें यूपी में हुए पंचायत चुनाव और पार्टी की ज़िला इकाईयों की समीक्षा की गई।
दिल्ली में हुई एमआईएम की इस मीटिंग में पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मौजूद थे। यूपी के संयोजक शौकत अली, हामिद संजरी, पश्चिमी यूपी के 26 ज़िलों के पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया। ये मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। इस मीटिंग में यूपी लेकर खूब मंथन हुआ।
मीटिंग को संबोधित करते हुए पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनाव के वक्त मुलायम सिंह ने कई वादा किया था। इसमें मुसलमानों को 18 फीसदी आरक्षण, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करना, निषेश आयोग की सिफारिशें मानना शामिल था लेकिन राज्य में सपा की सरकार बने 3 साल से ज़्यादा हो गए एक भी वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है।
ओवैसी ने कहा कि यूपी में दलित और मुसलमान सुरक्षित नहीं है। इन पर लगातार हमले हो रहे हैं। राज्य में दंगों में सबसे ज़्यादा जान और माल का नुकसान मुसलमानों का हुआ हैं। उन्होंने कहा कि दलितों को मजलिस हर हाल में इंसाफ दिलाएगी। पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि मजलिस को घर-घर पहुंचाए तभी हमारा मिशन कामयाब होगा। 2017 में होने वाले चुनाव में पार्टी पूरी मज़बूती से चुनाव लड़ेगी। सांसद ओवैसी ने एलान किया कि वह 25 जनवरी के बाद यूपी आ रहे हैं और 3 महीने यूपी में ही रहेंगे और पार्टी को मज़बूत करेंगे।
मीटिंग के बाद पीएनएस ने प्रदेश संयोजक शौकत अली से बात की तो उन्होंने मीटिंग के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष यूपी को ख़ास तरजीह दे रहे हैं और वो चाहते हैं कि मजलिस गांवों, घरों तक पहुंचे। शौकत अली ने कहा कि हम लोग पूरी कोशिश करेंगे कि मजलिस यूपी के हर घर में पहुंचे। शौकत अली ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष की हर रणनीति को हम लोग आखिरी मुकाम तक पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।
मीटिंग में मौजूद हामिद संजरी ने पीएनएस को बताया कि पार्टी अध्यक्ष के यूपी में आने से यहां की पूरी राजनीति बदल जाएगी जो लोग अब तक मुसलमानों और दलितों को अपना वोट बैंक समझ रहे थे उनकी दुकान बंद होने वाली है।
मीटिंग में काज़ी ज़ाहिद, यामीन ख़ान, ह्रदय राम, आज़ाद सैफी समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।