अरुणाचल प्रदेश:
अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के 27 नेता एनपीपी में शामिल हो गए हैं. इनमें दो मंत्री और छह विधायक भी शामिल हैं. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी है. गृह मंत्री कुमार वाई और पर्यटन मंत्री जारकार गामलिन सहित छह विधायकों को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी है.
बीजेपी के आठ विधायकों के अलावा, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) का एक विधायक और बीजेपी के अन्य 19 नेता भी एनपीपी में शामिल हुए. एनपीपी में शामिल होने वालों में बीजेपी विधायकों में थंगवांग वनघम, तापुक ताकु, पानी ताराम, पंगका बागे, वांग्लिंग लोवानडोंग और कोरडो नगियोग और पूर्व मंत्री शेरिंग जुरेमी हैं.
कुमार वाई ने कहा कि एनपीपी ही पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी गलत विचारधारा को ढोने वाली पार्टी है और झूठ से भरी हुई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी एंटी-रिलिजन और एंटी-माइनॉरिटी है. वाई ने कहा कि बीजेपी ने ‘झूठे वादे’ करके लोगों के मन में अपनी पहले जैसी प्रतिष्ठा खो दी है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि राज्य में एनपीपी की सरकार बनाएंगे.’’ एनपीपी के सचिव थॉमस संगमा ने कहा कि पार्टी अरुणाचल प्रदेश की 60 सीटों में से 30-40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने चुनाव पूर्व गठबंधन से इनकार किया है.
हालांकि एनपीपी के प्रवक्ता मुटचू मिठी ने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन हो सकता है. एनपीपी बीजेपी नेतृत्व वाले नॉर्थ इस्ट डेमोक्रेटिक एलाइंस(एनईडीए) की सदस्य भी है. 17 मार्च को बीजेपी की संसदीय कमेटी ने विधानसभा चुनाव के लिए 54 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. अरुणाचल में कुल 60 सीटें हैं. अरुणाचल प्रदेश में 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
एनपीपी पूर्वोत्तर भारत की सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. मेघालय के लिए पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.