नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जाफराबाद में हो रहे प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की एक फुटेज सामने आई है, जिसमें पुलिसकर्मियों ने भारतीय सेना के जवानों जैसी वर्दी पहन रखी है। करीब 1.04 मिनट के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कथित तौर पर दिल्ली पुलिस के जवान, भारतीय सेना जैसी वर्दी पहन कर जाफरादबाद मेट्रो स्टेशन पर दिख रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय सेना ने कहा कि वो जांच कर एक्शन लेगी।
समाचार एजेंसी ANI द्वारा ट्वीट किये गए एक वीडियो पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना के प्रवक्ता के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की तैनाती नहीं की गई थी।’
It is clarified that #IndianArmy wasn't deployed for Internal Security Duties. https://t.co/6jogdtftEo
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) February 24, 2020
ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की वर्दी पहनने वाले राज्य पुलिस बलों और निजी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि नीतिगत दिशानिर्देश हैं, जिसके अनुसार अर्धसैनिक और राज्य पुलिस बल के जवान सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वर्दी नहीं पहन सकते।
सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क बंद
सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए शनिवार की रात दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट लगभग 500 लोग इकट्ठा हुए जिससे एक मुख्य सड़क अवरुद्ध हो गई। मेट्रो स्टेशन के निकट एकत्र होने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं थीं।
महिलाओं ने तिरंगा लेकर ‘आजादी’ के नारे लगाते हुए कहा कि वे तब तक प्रदर्शनस्थल से नहीं हटेंगी जब तक कि केंद्र सरकार सीएए को रद्द नहीं कर देती। उन्होंने अपनी बांह पर एक नीली पट्टी बांधी और ‘जय भीम’ के नारे भी लगाए। इलाके में महिला पुलिसकर्मियों सहित भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। महिलाओं ने सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क नंबर 66 को अवरुद्ध कर दिया है।