येरूसलम, इज़रायल
पिछले कई दिनों से लगातार कई विरोध और खूनी संघर्ष के बाद के बावजूद अमेरिका ने इज़रायल में अपना दूतावास तेल अवीव से येरुशलम में शिफ्ट करना शुरु कर दिया है। शिफ्ट करने के बाद येरुशलम में अमेरिकी दूतावास का उद्घाटन समारोह आयोजित किया। इसमें ट्रंप की बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनर भी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। दूसरी तरफ अपनी ज़मीन की लड़ाई लड़ रहे हज़ारों फिलस्तीनी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
फिलस्तीन की गाज़ा सीमा पर ज़बरदस्त तनाव है। हज़ारों फिलस्तीनी सीमा पर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान लगातार इज़रायली सेना ने कई बार फायरिंग और हवाई हमले किए हैं। इसमें दर्जनों लोगो के मारे जाने और सैकड़ों के घयाल होने की खबर है। फिलस्तीनी विरोध के बीच कई देशों में भी लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ दुनिया के कई देशों ने विरोध किया है। इसके साथ ही मध्य-पूर्वी मुस्लिम देशों और अन्य कई देशों ने ज़ोरदार विरोध किया है। दरअसल 1967 के युद्ध में इज़रायल ने फिलस्तीन के शहर येरुशलम पर कब्ज़ा कर लिया था। फिलस्तीनी सरकार और वहां के लोग लगातार अपनी ज़मीन को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसमें इज़रायली फौज़ों द्वारा अब तक लाखों फिलस्तीनियों को को मौत के घाट उतार दिया है।
अमेरिका के फैसले के बाद फिलस्तीनी सरकार ने कहा, कि वह दुतावास शिफ्ट करने के फैसले का विरोध करती है। उसे उम्मीद है कि इज़रायली कब्ज़े से येरुशलम शहर आज़ाद होकर फिलस्तीन की राजधानी बनेगा। दूसरी तरफ रामल्ला में फिलस्तीनी लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के नेता वासेल अबु-यूसुफ ने अरब देशों से उस देश का बहिष्कार करने की अपील की जो अपने दूतावास को येरुशलम लाए हैं।
अमेरिका के फैसले का यूरोपीय संघ ने भी जमकर विरोध किया है। यूरोप के अधिकांश देशों के राजदूतों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। इन देशों ने कहा कि इज़रायल को यूरशलम को फिलस्तीन के हवाले करना चाहिए।