जौनपुर, यूपी
जिले प्रसाद इंस्टीट्यूट में बनी अस्थायी जेल में रखे गए अमीर-ए-जमात नसीम अहमद की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। नसीम अहमद की मौत मंगलवार की रात को हुई। उनकी मौत की खबर आते ही ज़िले में हड़कम्प मच गया। स्थानीय अधिकारियो के मुताबिक वो बीमार थे। नसमी अहमद पर बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दिलाने और उनकी जानकारी छिपाने का आरोप लगा था और उन पर आफआईआर दर्ज की गई थी।
शहर के फिरोसेपुर निवासी अमीर-ए-जमात नसीम अहमद को दो अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह क्वारंटीन सेंटर और फिर अस्थायी जेल में रखे गए थे।
पहले से बीमार थे नसीम अहमद
नसीम अहमद के परिवार वालों के मुताबिक उनकी तबीयत लगातार खराब थी और उनका एक आपरेशन लखनऊ में होना था। परिवार वालों के मुताबिक इस संबंध में अधिकारियों को पहले ही अवगत कराया गया था। रमज़ान आने के बाद भी परिवार वालों ने अधिकारियों उनकी तबीयत के बारे में बताया था। एक सप्ताह पूर्व अचानक तबीयत खराब होने पर उनको जिला अस्पताल लाया गया था, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया था। हालत में सुधार होने पर दोबारा अस्थायी जेल में रख दिया गया था। जबकि घर वालों ने ज़मानत देने की मांग की थी।
अचानक तबीयत हुई खराब
मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे उनकी तबीयत फिर खराब हो गई। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर परिजन भी जिला अस्पताल पहुंच गए। परिवारवालों ने आरोप लगाया कि उनकी तबीयत लगातार खराब थी लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया। उनके साथ के लोगों ने ज़्या तबीयत खराब होने पर बताया तो फिर सरकारी अमला उन्हें सदर अस्पताल लाया जहां उनकी मौत हो गई।
क्या कहते हैं अधिकारी
परिवार के आरोप पर अधिकारियों ने बचाव किया है। एसडीएम सदर व अस्थायी जेल के अधीक्षक नीतीश कुमार सिंह ने बताया कि जेल में रखे गए बंदी की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्हें हार्ट की बीमारी थी। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। जांच कराई जा रही है।
जमात को शरण देने का लगा था आरोप
29 मार्च को लाल दरवाजा क्षेत्र से 14 बांग्लादेशी समेत 16 जमातियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन्ही जमात के लोगों को शरण देने का आरोप उन पर लगा था। जबकि उनकी कोरोना जांच निगेटिव आई थी।
जांच की मांग
उनकी मौत के बाद पूरे ज़िले में हड़कम्प मच गया। शोसल मीडिया पर कई लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि अमीर-ए-जमात नसीम अहमद की मौत का जिम्मेदार अगर प्रशासन नहीं तो फिर कौन है? क्योंकि लापरवाही प्रशासन के द्वारा हुई है उन्हें लखनऊ में हार्ट अटैक की सर्जरी कराना था प्रशासन ने जाने की इजाजत नहीं दी, जबकि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। फिर भी क्वॉरेंटाइन के नाम उन्हें काफी वक्त तक रखा गया, और कल हार्ट अटैक से उनकी मौत क्वॉरेंटाइन सेंटर में हुई।