Breaking
17 Oct 2024, Thu

मोदी सरकार में गौमांस का एक्सपोर्ट 18 फीसदी बढ़ गया: अमीक जामेई

AMEEQUE JAMEI ON MOB LYNCHING 1 230718

लखनऊ, यूपी

देश में गौ-आतंकियों द्वारा की जाने वाली हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। पहले दलित आतंकी भीड़ द्वारा क़त्ल किये जा रहे थे। अब मुसलमानों का नाम सरे फेहरिस्त है, इसी क्रम में राजस्थान में होने वाली अकबर खान की हत्या से पता चलता है कि इस मामले में पुलिस भी संलिप्त है। रकबर की हत्या के मामले में जो तथ्य सामने आया है उसके मुताबिक पुलिस पहले गाय को अस्पताल ले गयी। उसके बाद गौ-रक्षकों द्वारा बुरी तरह पीटे गए रकबर को अस्पताल ले गयी। रकबर ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। ये बातें युवा नेता और सामाजिक मामलों को ज़ोरशोर से उऑने वाले अमीक जामेई ने कहीं।

युवा नेता अमीक जामेई ने पीएनएस से बात करते हुए कहा कि बीजेपी आरएसएस की सरकार गौमांस के व्यापार में संलिप्त है। 2016-2017 के दौरान बीफ एक्सपोर्ट में 18% उछाल हुआ है। उन्होंने कहा कि दूध न देने वाली गाय मर रही है, जिसके लिए मैंने 5,000 रुपये पेंशन स्कीम की बात सरकार के सामने रखी है। इस पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया। इससे साफ़ है हर मैदान में फेल होती बीजेपी हुकूमत ध्यान हटाने और हिन्दू-मुस्लिम बायनरी डेवलेप करने के लिए मुसलमानों और दलितों की हत्या का सहारा ले रही है, जिससे युवा किसान भ्रमित हो सके। गौरतलब रहे कि अब ऐसे मुजरिमों को केंद्र सरकार के मंत्री जयंत सिन्ह अभिनन्दन करते और मिठाईयां खिलाते नज़र आये हैं।

अमीक जामेई ने तल्ख़ लफ्ज़ में कहा कि बीजेपी आरएसएस की सरकार चाहती है कि राज्य प्रायोजित ऐसी हत्याओं पर मुसलमान सड़क पर आये जिससे वो पुलिस और गुंडों के बल पर हिन्दू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करके दंगे का माहौल देश में खडा कर सके। सरकारों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हकुमत बदलती भी है और ऐसे अफसरों की एक लिस्ट समाज को तैयार करनी चाहिए जिससे नयी सरकार आने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। नागरिक संगठनो से अपील करते हए जामेई ने कहा कि कानूनी सतह पर केस को मज़बूत कर अदालत में लडाई लड़ने की ज़रूरत है।

अमीक जामेई ने कहा कि बीजेपी को गाय से कोई प्रेम नहीं है। अगर ऐसा होता तो केंद्र सरकार बीफ एक्सपोर्ट को पूर्णता बैन करती और इस एक्सपोर्ट में इजाफा न होता। देश में अलग-अलग राज्यों में गौहत्या पर बैन है। उन्होंने कहा कि गाय की तस्करी करने वालो को कानून के दायरे में लाकर सज़ा दिलाने की ज़रूरत है।