नई दिल्ली
अमरीकी मीडिया एजेंसी वॉल स्ट्रीट जनरल ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। मीडिया एजेंसी ने फेसबुक के एक इनसाइडर के हवाले से यह खुलासा किया है कि फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड आंखी दास ने बीजेपी के नफरती एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की आंतरिक कंटेंट रिव्यू प्रोसेस में दखल दिया।
मीडिया एजेंसी ने तेलंगाना से बीजेपी विधायक राजा सिंह के फेसबुक लगातार नफरती पोस्ट होने के बाद भी बैन न करने पर सवाल खड़ा किया है। मीडिया एजेंसी का कहना है कि पालिसी हेड ने राजा सिंह का एकाउंट बैन नहीं करने दिया जबकि राजा सिंह की पोस्ट सांप्रदायिक थी और मुस्लिम समुदाय के विरोध से संबंधित थी।
वाल स्ट्रीट जनरल की ख़बर आने के बाद भारतीय राजनीति में बीजेपी और फेसबुक के अनैतिक गठबंधन के ख़िलाफ़ राजनीतिक दलों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है। वहीं सोशल मीडिया पर फेकबुक के खिलाफ आम लोगों में भी गुस्सा देखा गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित सभी विपक्षी दल के नेता बीजेपी एवं पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं।
इस मामले में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन नदीम जावेद ने मोदी सरकार पर ज़ौरदार हमला बोला है। नदीम जावेद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और फेसबुक का अनैतिक गठबंधन भारतीय लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया के माध्यम से 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को बदनाम कर झूठे आश्वासनों के सहारे सत्ता में आई थी। चुनाव जीतने के बीजेपी और मोदी सरकार 5 साल में कोई भी देशहित में काम ना करने के बावजूद 2019 के चुनाव में उसकी जीत पर बहुत बड़ा सवालिया निशान था।
चैयरमैन नदीम जावेद ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले फेसबुक के साथ सांठगांठ कर देश को हिंदू और मुस्लिम में बांटने का काम किया और 2019 का आम चुनाव भी जीत लिया। यह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत ही बहुत ही घातक है। नदीम जावेद ने कहा कि बीजेपी ने देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वाली पोस्ट को फेसबुक के सहारे देश के लोगों के भाईचारे को तोड़ने का काम किया।
नदीम जावेद ने कहा कि बीजेपी की ट्रोल आर्मी की नफ़रती पोस्ट पर फेसबुक द्वारा कार्रवाई न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अल्पसंख्यक विभाग राष्ट्रीय चेयरमैन नदीम जावेद ने आगे कहा कि मोदी सरकार देश में लगातार लोकतंत्र का दमन कर रही है। सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाज़ को दबा रही है। अपने फायदे के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप के नियंत्रण से नफरत और सांप्रदायिकता का प्रोपेगेंडा चला रही है। असहमति की आवाज़ के लिए देश में स्थान सिकुड़ता जा रहा है ऐसे में फेसबुक और व्हाट्सएप पर नियंत्रण करके साम्प्रदायिक और नफ़रती एजेंडे को बढ़ाना देश के लिए चिंताजनक और शर्मनाक है।’
नदीम जावेद ने मांग करते हुए कहा कि फेसबुक को अपनी विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए सत्ताधारी बीजेपी के फायदे के लिए फेसबुक कंपनी में किये गए इस अनैतिक गठजोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक और आपराधिक कार्रवाही करनी चाहिए।